KNEWS DESK- बीते 5 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले सात शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। साथ ही इस फर्जीवाड़े के बाद उपराज्यपाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच के भी आदेश दिए हैं।
जारी बयान में कहा गया कि एजली विनय कुमार सक्सेना ने पिछले 10 साल में सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्ती के रिकॉर्ड की जांच करने और इन स्कूलों में नियुक्ति प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित करने के लिए भी कहा है। इसमें कहा गया है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना की यह कार्रवाई दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय की सिफारिश पर आई है, जिसमें फर्जी नियुक्तियों में शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन के बीच कथित ‘‘मिलीभगत’’ पाई गई थी। इस मामले में शिक्षा विभाग और तमिल एजुकेशन एसोसिएशन से संबंधित स्कूल प्रबंधन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हो सकी है।
राजभवन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सात टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों को बर्खास्त करते हुए एलजी ने कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल के जरिए दिल्ली सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूल में उनकी नियुक्ति की सीबीआई जांच के लिए सतर्कता विभाग की सिफारिश को मंजूरी दी है। सीबीआई जांच रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी।