KNEWS DESK- दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज साफ कर दिया कि वह आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ेंगे। बीजेपी द्वारा यह दावा किए जाने के बाद कि वे नई दिल्ली सीट से हारने जा रहे हैं और एक सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, केजरीवाल ने इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा, “मैं सिर्फ एक ही सीट से चुनाव लड़ रहा हूं।”
केजरीवाल का यह बयान तब आया, जब मीडिया ने उनसे इस बारे में सवाल किया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मुख्य ध्यान नई दिल्ली सीट पर है, जहां उन्होंने लगातार तीन चुनावों में बड़ी जीत हासिल की है।
कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला
अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह भी कहा, “दिल्ली का चुनाव सिर्फ AAP और बीजेपी के बीच है, यह INDIA ब्लॉक का चुनाव नहीं है। जो भी पार्टियां हमें समर्थन दे रही हैं, हम उनका धन्यवाद करते हैं।” उन्होंने बीजेपी के नेता संदीप दीक्षित पर तंज कसते हुए कहा कि वह बीजेपी के मोहरे की तरह काम कर रहे हैं और कांग्रेस के जैसे बोलते हैं, वैसे ही काम करते हैं।
नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल की जीत का रिकॉर्ड
अरविंद केजरीवाल ने 2013 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की नई दिल्ली सीट से पहली बार जीत हासिल की थी। इस चुनाव में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बड़े अंतर से हराया था। इसके बाद उन्होंने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में भी इस सीट पर शानदार जीत दर्ज की।
2013 में उन्हें 44,269 वोट मिले थे, जबकि शीला दीक्षित को केवल 18,405 वोट मिले थे। 2015 में उनकी जीत और भी बड़ी रही, जब उन्होंने 57,213 वोट हासिल किए। वहीं, 2020 में भी उन्होंने 46,758 वोट प्राप्त किए, जबकि बीजेपी के सुशील कुमार यादव को 25,061 वोट मिले थे।
इस बार मुकाबला कठिन होगा
इस बार नई दिल्ली सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि कांग्रेस ने शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को अपने उम्मीदवार के रूप में उतारा है। वहीं, बीजेपी ने पूर्व सांसद साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है। इन दोनों नेताओं के बीच मुकाबला अरविंद केजरीवाल के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन उनके रिकॉर्ड को देखते हुए यह सीट उनके लिए एक मजबूत किले की तरह साबित हो रही है।
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