KNEWS DESK- दिल्ली के भविष्य के विकास को नई दिशा देने वाला मास्टर प्लान 2041 एक बार फिर चर्चा में है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच हाल ही में हुई एक अहम बैठक में इस मास्टर प्लान से जुड़े कई प्रमुख विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और मंत्री मौजूद रहे। इस बातचीत के बाद मास्टर प्लान को जल्द मंजूरी मिलने और लागू होने की संभावना अब पहले से ज्यादा प्रबल हो गई है।
दिल्ली मास्टर प्लान 2041 राजधानी को स्मार्ट, टिकाऊ और समावेशी शहर बनाने की दिशा में तैयार की गई एक दीर्घकालिक योजना है। वर्ष 2023 में इसका मसौदा तैयार कर केंद्र सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा गया था, लेकिन अभी तक इसकी औपचारिक अधिसूचना नहीं हो पाई है। अब, गृह मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद इसे जल्द लागू किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
बैठक में यमुना नदी की स्थिति को सुधारने और इसे दिल्ली का पर्यावरणीय केंद्र बनाने के विषय पर भी गहन चर्चा हुई। वजीराबाद से ओखला बैराज तक करीब 22 किलोमीटर के क्षेत्र को विकसित करने का रोडमैप दिल्ली सरकार ने तैयार किया है। इसमें शामिल हैं:
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विकेंद्रीकृत सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम की स्थापना
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बड़े नालों का पुनर्विकास और रखरखाव
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औद्योगिक इकाइयों का पुनर्संयोजन और नियमन
सरकार का उद्देश्य यमुना को ‘निर्मल और अविरल’ स्वरूप देना है, जिससे यह न सिर्फ पर्यावरणीय बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी एक जीवंत केंद्र बन सके।
बैठक में झुग्गी क्षेत्रों की स्थिति पर भी गंभीरता से चर्चा हुई। सरकार अब झुग्गियों को हटाकर उनमें रहने वाले परिवारों को पक्के मकान देने की दिशा में ठोस योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार, इस दिशा में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस पहल से राजधानी की झुग्गी बस्तियों को नियमित आवासीय क्षेत्रों में बदलने और वहां रहने वालों को बेहतर जीवन स्तर देने का प्रयास किया जाएगा।
एक और अहम मुद्दा जो इस बैठक में उठाया गया, वह था राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का विस्तार। केंद्र सरकार एनसीआर के आसपास के शहरों में बुनियादी ढांचे को मजबूत कर दिल्ली की आबादी का दबाव कम करना चाहती है। इससे न केवल दिल्ली का जनसंख्या भार घटेगा, बल्कि लोगों को आसपास के क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने का अवसर मिलेगा।
मास्टर प्लान में दिल्ली को आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाने के प्रावधानों पर भी विचार हुआ। इसमें शहर के ऐतिहासिक स्थलों, बाजारों, कला-संस्कृति और पारंपरिक शिल्पों को संरक्षित कर उन्हें आधुनिक जरूरतों से जोड़ने की योजना भी शामिल है।
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