सिसोदिया पर शराब घोटाले की जाँच की आंच,बोले गिरफ्तारी की तैयारी,मैं कुर्बानी के लिए तैयार

दांव पर सब कुछ लगा है पर हम रुक नहीं सकते
टूट सकते हैं पर झुक नहीं सकते 

“मेरे जेल जाने पर गर्व करना”,CBI दफ्तर जाने से पहले बोले मनीष सिसोदिया 

जी हाँ इसी इरादे के साथ आज दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया  CBI दफ्तर जाने से पहले AAP दफ्तर और फिर राजघाट पहुंचे यहां उन्होंने बापू को नमन किया। सिसोदिया घर से निकले तो पत्नी ने तिलक लगाया, मां ने पटका पहनाकर आशीर्वाद दिया। खुली कार में लाव लश्कर के साथ निकले, इस दौरान शहादत के गीत बज रहे थे। आम रास्ते पर रैली जैसा नजारा बन गया। बोले- ‘मेरी गिरफ्तारी की तैयारी है और मैं कुर्बानी के लिए तैयार हूं।’

गुजरात हार रहें हैं,तो मुझे रोकने की साजिश है 

सिसोदिया ने सोमवार को कहा, ‘फर्जी केस बनाकर मुझे गिरफ्तार करने की तैयारी है। मुझे गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए जाना था। ये लोग गुजरात में बुरी तरह हार रहे हैं। इनका मकसद मुझे गुजरात जाने से रोकना है। मैंने गुजरात के लोगों से कहा था कि वहां भी हम बच्चों के लिए दिल्ली जैसे शानदार स्कूल बनाएंगे। ये लोग नहीं चाहते कि अच्छे स्कूल बनें। गुजरात के लोग पढ़ें और तरक्की करें। मेरे खिलाफ फर्जी केस बनाया गया है। मेरे घर रेड की, कुछ नहीं निकला। सारे बैंक लॉकर देखे, कुछ नहीं मिला। गांव जाकर सारी जांच की, कुछ नहीं मिला।’ 

सिसोदिया पूरे लावलश्कर के साथ सीबीआई के दफ्तर पहुंचे, जहां उनके साथ 11.30 बजे के बाद पूछताछ शुरू हुई.  जानकारी के मुताबिक मनीष सिसोदिया से पूछताछ को लेकर सीबीआई ने लाइन ऑफ इंवेस्टिगेशन तैयार की 

अंदर पूछे जा रहे थे सवाल, बाहर कार्यकर्ताओं का बवाल

जैसे ही दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया  ने CBI दफ्तर  में  प्रवेश किया वैसे ही आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने CBI दफ्तर को घेर लिया और पूरी ताकत के साथ धरना प्रदर्शन करने लगे,आप सांसद संजय सिंह,वरिष्ठ  नेता आतिशी और दिग्गज नेता दुर्गेश पाठक समेत कई अन्य नेता विरोध में नारेबाजी करने लगे स्थिति गंभीर देखकर पुलिस तुरंत एक्शन में आ गई  और प्रदर्शन कर रहे कई आप नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया ,जिसमें आप सांसद संजय सिंह समेत अन्य कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया 

AAP नेता संजय सिंह को फतेहपुर बेरी थाने में ले जाया गया . पुलिस ने बताया कि संजय समेत अन्य कार्यकर्ताओं को CBI हेडक्वार्टर से हिरासत में लिया है. हिरासत लिए जाने के दौरान संजय सिंह को हाथ में चोट लगी . थाने के भीतर संजय सिंह को AAP विधायक पट्टी लगाते दिखे.

सिसोदिया सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर CBI दफ्तर पहुंचे थे और रात करीब 8 बजकर 50 मिनट पर वहां से बाहर निकले। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसी ने कल सिसोदिया को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है। सीबीआई दफ्तर पहुंचते ही उन्हें एंटी करप्शन ब्रांच के फर्स्ट फ्लोर पर ले जाया गया। CBI अधिकारियों के मुताबिक, FIR में नामजद अन्य आरोपियों से उनके संबंधों और तलाशी के दौरान मिले डॉक्यूमेंट्स के बारे में पूछताछ की गई। जानकारी के मुताबिक उनसे जो सवाल किये गए वो कुछ इस तरह थे  

  • पुरानी आबकारी नीति की जगह नई आबकारी नीति लाने का फैसला किसका था ?
  • सबसे पहली मीटिंग में कौन कौन लोग मौजूद थे ?
  • पहली मीटिंग में किस किसने अपनी क्या राय दी थी, क्या उस मीटिंग्स के मिनट्स बनाये गए थे या नहीं ?
  • नई आबकारी नीति लाने से सरकार को किस तरह फायदा होता? ज़रा उसके बारे में बताईये, और अगर फायदा होता तो कितना होता, और कैसे होता ?
  • शराब के ठेके देने की जो टेंडर प्रक्रिया निकाली गई थी, उसका अंतिम फैसला किसका था ?
  • टेंडर भरने वालों की टर्म एंड कंडीशन क्या थी और ये किसने फाइनल की थी ?
  • कितने लोगों ने टेंडर भरा था, उनकी सिक्योरिटी मनी कितनी थी, ऐसी कितनी कंपनियां थी जिनको टेंडर मिल सकता था, और अगर उनको टेंडर नही मिला तो क्यों नहीं मिला?
  • शराब बेचने वालों का कमीशन बढ़ाने के पीछे की वजह क्या थी? और इसका अंतिम फैसला किसने लिया ?
  • पुराने नियमों के खिलाफ शराब बनाने वाली कंपनी को रिटेल में शराब बेचने देने की अनुमति किसने दी थी, किस-किस अधिकारी ने उस फाइल पर आपत्ति जताई थी ?
  • तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर आरव गोपी कृष्ण का इस नीति को बनाने में क्या रोल था ? क्या उन्होंने कभी कोई आपत्ति जताई थी ?
  • जब शराब बेचने की पुरानी नीति के तहत सरकार को फायदा हो रहा था तो ऐसी क्या वजह थी कि कुछ कंपनियों को कोविड का लाभ दिया गया?
  • क्या आपको ये पता था कि जिन लोगों को शराब बेचने की अनुमति आप दे रहे हो वो सब एक दूसरे को किसी ना किसी तरह जानते थे ?
  • विजय नायर का शराब पॉलिसी बनाने में क्या रोल था ?
  • अगर विजय नायर को कोई रोल नहीं था तो वो इन सभी कंपनी वाले से किसी ना किसी तरह लगातार संपर्क में क्यों था ? क्या आपको इस बात की जानकारी थी ?
  • तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर आरवा गोपी कृष्ण का इस पॉलिसी को लेकर क्या मानना था ? क्या उन्होंने कभी आपको इस पॉलिसी को लागू नहीं करने के लिए कहा था ?
  • क्या डिप्टी कमिश्नर आनंद तिवारी और असिस्टेन्ट कमिश्नर पंकज भटनागर ने इस शराब नीति को लेकर कोई आपत्ति जताई थी या नहीं ?
  • क्या आपको पता था कि इस शराब नीति को बनाते वक्त, अर्जुन पांडे, विजय नायर, दिनेश अरोड़ा, लगातार लाइसेंस धारकों से संपर्क में थे। हम ये जानना चाहते है कि एक सरकारी नीति को बनने में इन प्राइवेट लोगों की क्या दिलचस्पी थी ?
    (A) अर्जुन पांडे, दिनेश अरोड़ा और विजय नायर ने लायसेंस धारकों के साथ कितनी मीटिंग की थी और वो मीटिंग्स कहाँ कहाँ हुई क्या आपको इस बात की जानकारी है ?
    (B) उन मीटिंग को करने के लिए इन लोगों को किसने अधिकृत किया था ?
    (C) पॉलिसी बनाने को लेकर होने वाली सरकारी मीटिंग में कौन कौन प्राइवेट आदमी शामिल होता था ?
    (D) अगर होता था तो क्यों होता था, उनको शामिल करने की क्या वजह होती थी ?
  • शराब के ठेकों के लाइसेंस धारकों ने आखिर क्यों करोड़ो रूपये आपके करीबियों के या उनके जानकारों के बैंक अकाउंट में दिए गए ?
  • क्या आपको पता है कितनी रकम इन लोगों को कैश में भी दी गई है ?
  • क्रेडिट नोट देने की वजह क्या थी ? ये किसका फैसला थ ?
  • क्या आपको पता है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों ने इस पॉलिसी को लागू करने के दौरान क्या क्या फायदा उठाया है ?
  • क्या आपको मालूम है कि पॉलिसी लागू करने के दौरान करोड़ो रूपये का लेनदेन हुआ? हमारी जानकारी में है कि इसका फायदा आपको भी पहुंचा है. हम आपसे जानना चाहते है कि क्या कभी आपने किसी लाइसेंसी धारक से किसी भी तरह का फायदा उठाया है?
  • आपके सरकारी काम में प्राइवेट लोग किस किस तरह का काम करते है और क्यों करते हैं ?
  • अगर आपको लगता है कि ये एक्साइज पॉलिसी सबसे अच्छी थी तो इसको वापस क्यों ली ?
  • क्या आपको पता नहीं था कि पॉलिसी वापस लेने से शराब के लाइसेंस धारकों को करोड़ो रूपये का नुकसान हो सकता है?
  • आख़िर अपके पॉलिसी वापस लेने के बाद क्या किसी शराब के लाइसेंस धारक ने अपने नुकसान का कोई विरोध किया था ?

सीबीआई ने सोमवार उनसे करीब 9 घंटे सवाल किए। पूछताछ ख़त्म होने के बाद सिसोदिया ने अपने आवास के बाद मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि पूछताछ के दौरान उनपर आम आदमी पार्टी छोड़ने का दबाव बनाया गया। एजेंसी के अधिकारियों ने उन्हें भाजपा में शामिल होने के संकेत दिए, जिससे उन्होंने साफ इनकार कर दिया।

केजरीवाल ने सिसोदिया के पूछताछ के लिए निकलने के बाद यह तस्वीर ट्वीट की। इसमें सिसोदिया को स्कूली बच्चों और दिल्ली एजुकेशन मॉडल का रक्षक दिखाया है।

इस केस में अब तक क्या हुआ

2020 में दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति लाने का ऐलान किया था। मई 2020 में दिल्ली सरकार विधानसभा में नई शराब नीति लेकर आई, जिसे नवंबर 2021 से लागू कर दिया गया। इसमें नियमों को ताक पर रखकर सिसोदिया के करीबियों के इशारे पर लाइसेंस बांटने का आरोप लगाया गया।

दो महीने में ED-CBI की 120 ठिकानों पर छापेमारी, 3 गिरफ्तार: शराब घोटाले में ED और CBI 19 अगस्त से अब तक देशभर में 120 अलग- अलग ठिकानों पर छापोमारी कर चुकी है। इसके अलावा 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों के लिए काम करने वाले अभिषेक बोइनपल्ली को हैदराबाद से 10 अक्टूबर को CBI ने अरेस्ट किया था। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 28 सितंबर को दिल्ली के शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को अरेस्ट किया था। वहीं 17 सितंबर को CBI ने AAP के संचार प्रभारी विजय नायर को गिरफ्तार किया था।

19 अगस्त को मनीष सिसोदिया के घर की तलाशी: 19 अगस्त को शराब घोटाले में CBI ने दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के घर समेत दूसरे ठिकानों पर छापेमारी की थी। मनीष सिसोदिया पर जिन 3 धाराओं में केस दर्ज है, उनमें 2 धाराएं प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत आती हैं। CBI की FIR के मुताबिक मनीष सिसोदिया के खिलाफ IPC की धारा 120B, 477A और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन की धारा 7 के तहत केस दर्ज हुआ है।

 

 

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