KNEWS DESK – दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पूजा खेडकर ने जो धोखाधड़ी की है, वह न केवल यूपीएससी (UPSC) के साथ बल्कि समाज के साथ भी फ्रॉड है। इस वजह से उनकी याचिका खारिज की जाती है और उन्हें दी गई अंतरिम सुरक्षा भी रद्द कर दी जाती है। इसके साथ ही अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह मामले की जांच का दायरा बढ़ाए और इसे और गहराई से जांचे।
क्या हैं आरोप?
दरअसल पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और फर्जी तरीके से ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का लाभ उठाने का गंभीर आरोप है। इसके चलते यूपीएससी ने उनकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया था और नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। इसके अलावा, उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा था कि पूजा के खिलाफ जांच जारी है और आरोपों में गंभीरता को देखते हुए हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता हो सकती है। वहीं, खेडकर ने इन आरोपों से इनकार किया है और खुद को निर्दोष बताया है।
यूपीएससी ने रद्द की थी उम्मीदवारी
31 जुलाई 2024 को यूपीएससी ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें भविष्य में किसी भी सरकारी परीक्षा में भाग लेने से रोक दिया था। इसके बाद, 1 अगस्त को दिल्ली की एक अदालत ने पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और मामले की गहन जांच की आवश्यकता है।
कौन हैं पूजा खेडकर
पूजा खेडकर 2022 बैच की पूर्व आईएएस अफसर हैं। उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा 2022 में ऑल इंडिया रैंक 841 हासिल की थी। यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद पूजा को पुणे में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में नियुक्ति मिली थी। हालांकि, कार्यभार संभालने के बाद वह जल्द ही विवादों में आ गईं। पूजा ने जब अपने कार्यालय में अलग चेंबर, लग्जरी कार और सरकारी आवास की मांग की, तो यह मामला चर्चा का विषय बन गया। इसके अलावा, उन्होंने अपनी निजी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टीकर लगा लिया था, जिसके बाद उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इस मामले को लेकर शिकायतें मिलने के बाद, पुणे के मुख्य सचिव ने उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया था।
पूजा खेडकर पर आरोप
पूजा खेडकर पर कई गंभीर आरोप हैं, जो उनके आईएएस बनने के बाद के कार्यकाल से संबंधित हैं। आरोपों में शामिल हैं:
- झूठे दस्तावेज़ों का इस्तेमाल: पूजा पर आरोप है कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में खुद को ओबीसी श्रेणी में दिखाने के लिए झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, उन्होंने दिव्यांगता कोटे का भी गलत लाभ उठाने का प्रयास किया, जबकि उनके पास इस श्रेणी के लिए पात्रता नहीं थी।
- अनुचित मांगें: पूजा खेडकर पर यह भी आरोप है कि उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान कई अनुचित मांगें कीं। जैसे कि सरकारी आवास, स्टाफ, गाड़ी और दफ्तर में अलग केबिन की मांग करना।
- लाल-नीली बत्ती का गलत उपयोग: पूजा ने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का लोगो लगवाया, जो सरकारी अधिकारियों के लिए अवैध था।
- दबाव डालने का आरोप: पूजा ने एक ट्रांसपोर्टर को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे छोड़ने के लिए डीसीपी रैंक के अधिकारी पर दबाव डाला।
- मेडिकल दस्तावेज़ में हेरफेर: पूजा ने दावा किया था कि वह 40 प्रतिशत दृष्टिबाधित हैं और मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं, ताकि दिव्यांगता कोटे का लाभ उठा सकें। हालांकि, मेडिकल जांच में वह हर बार नहीं पहुंची और उनकी रिपोर्ट में कोई गंभीर परेशानी नहीं पाई गई।
आगे की कार्रवाई
अब दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद, पूजा खेडकर की गिरफ्तारी की संभावना बनी हुई है। उनके खिलाफ जांच जारी है और पुलिस के अनुसार, इस मामले में कुछ अहम पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।