24 साल, कितने बेमिसाल ?

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , उत्तराखंड राज्य अपने स्थापना के 24 वर्ष पूरे करने जा रहा है। 9 नवंबर सन 2000 को उत्तरप्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था। वहीं धामी सरकार राज्य स्थापना दिवस को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाने जा रही है। सरकार ने राज्य स्थापना के 24 वर्ष पूरे होने और 25 वीं रजत जयंती शुरू होने पर नौ नवंबर से राज्य में साल भर तक देवभूमि रजतोत्सव कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला लिया है। इस दौरान सरकार अपनी उपलब्धियों को गिनाने के साथ ही उत्तराखंड की उपलब्धियों और अपने संकल्पों को जनता के समक्ष रखेगी। आपको बता दे कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था ने 24 वर्षों की विकास यात्रा में लंबी छलांग लगाई है। इन वर्षों में अर्थव्यवस्था का आकार 24 गुना बढ़ा है। प्रति व्यक्ति आय 17 गुना बढ़ी है। उत्तराखंड राज्य गठन के समय वर्ष 2000 में अर्थव्यवस्था का आकार 14 हजार 501 करोड़ रुपये का था, जो 2023-24 में बढ़कर 3 लाख 46000 करोड़ रुपये हो चुका है। इसमें पर्यटन क्षेत्र का अहम योगदान रहा है। इसी तरह प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर 2 लाख 60 हजार रुपए हो चुकी है। जबकि वर्ष 2000 में प्रति व्यक्ति आय 15 हजार 285 रुपये थी। पिछले दो वर्षों के आंकड़ों पर ही नजर डालें तो राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत वृद्धि हुई है। हांलाकि राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र अभी भी विकास की दौड़ से पीछे हैं। इसके अलावा राज्य की अबतक कोई स्थाई राजधानी नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं, पहाड़ों से होता पलायन, बढ़ती बेरोजगारी जैसे तमाम मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

देश के 27 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया उत्तराखंड 9 नवंबर को अपने 24 वर्ष पूरे करने जा रहा है। राज्य सरकार उत्तराखंड की 25 रजत जयंती को बडे ही धूमधाम के साथ मनाने जा रही है। बता दें कि 9 नवंबर सन 2000 को उत्तरप्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड के सुदूर अंचलों तक विकास की बयार न पहुंच पाने की पीड़ा के फलस्वरूप ही अलग राज्य की मांग ने जोर पकड़ी थी। जिसके बाद लंबे आंदोलन और कुर्बानियों के बाद नौ नवंबर को उत्तराखंड राज्य का उदय हुआ। वहीं उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य स्थापना दिवस को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाने जा रही है। सरकार ने राज्य स्थापना के 24 वर्ष पूरे होने और 25 वीं रजत जयंती शुरू होने पर नौ नवंबर से राज्य में साल भर तक देवभूमि रजतोत्सव कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला लिया है। इस दौरान सरकार अपनी उपलब्धियों को गिनाने के साथ ही उत्तराखंड की उपलब्धियों और अपने संकल्पों को जनता के समक्ष रखेगी।

आपको बता दे कि उत्तराखंड ने बीते 24 सालों में कई उपलब्धियां हांसिल की है। राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 24 सालों में 24 गुना बढ़ा है। प्रति व्यक्ति आय 17 गुना बढ़ी है। उत्तराखंड राज्य गठन के समय वर्ष 2000 में अर्थव्यवस्था का आकार 14 हजार 501 करोड़ रुपये का था, जो 2023-24 में बढ़कर 3 लाख 46000 करोड़ रुपये हो चुका है। इसी तरह प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर 2 लाख 60 हजार रुपए हो चुकी है। जबकि वर्ष 2000 में प्रति व्यक्ति आय 15 हजार 285 रुपये थी। हांलाकि राज्य आंदोलनकारी और कांग्रेस का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र अभी भी विकास की दौड़ से पीछे हैं। जिस उद्देश्य से अलग राज्य का गठन किया गया था वो उद्देश्य अभी अधूरा है।

कुल मिलाकर धामी सरकार उत्तराखंड की 25 रजत जयंती को बडे ही धूमधाम के साथ मनाने जा रही है..सरकार एक ओर जहां अर्थव्यवस्था का आकार और प्रति व्यक्ति आय को राज्य की बड़ी उपलब्धि बता रही हो लेकिन प्रदेश की स्थाई राजधानी, स्वास्थ्य सेवाओं, पहाड़ों से होता पलायन, बढ़ती बेरोजगारी, सश्क्त भू कानून जैसे तमाम मुद्दों पर सरकार खामोश है. सरकार को चाहिए कि वह जश्न मनाने के साथ ही इन तमाम मुद्दों पर  ध्यान दे, साथ ही पहाड़ और मैदान के बीच बढ़ती असामानता को कम करने की आव्श्यकता है।

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