उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। भारत निर्वाचन आयोग की घोषणा के बाद केदारनाथ में चुनावी तैयारी शुरू कर दी गई है। आयोग के मुताबिक 20 नवंबर को मतदान होगा जबकि 23 नवंबर को मतगणना होगी। इसके अलावा 173 पोलिंग स्टेशन केदारनाथ में बनाए गये हैं। जबकि 90 हजार से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. वहीं केदारनाथ में महिला मतदाताओँ की संख्या अधिक है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार से लेकर संगठन तक महिला वोटरों पर विशेष ध्यान रख रहा है। वहीं निर्वाचन आयोग की घोषणा के बीच भाजपा-कांग्रेस ने अपने अपने जिताऊ प्रत्याशियों पर भी मंथन शुरू कर दिया है। भाजपा ने पार्टी हाईकमान को छह नामों का पैनल भी भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक इस पैनल में पूर्व विधायक आशा नौटियाल, कुलदीप रावत, चंडी प्रसाद भट्ट, एश्वर्या रावत, कुलदीप आजाद नेगी और कर्नल अजय कोठियाल के नाम शामिल हैं। जबकि कांग्रेस ने चार पर्यवेक्षक बनाए हैं। कांग्रेस ने पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को मुख्य पर्यवेक्षक बनाया है। हांलाकि खबर आ रही है कि हाईकमान के स्तर से की गई दो नए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा से राय नहीं ली गई। इससे करन माहरा नाराज बताए जा रहे हैं। हांलाकि कांग्रेस ऐसी नाराजगी से इंकार कर रही है। वहीं कांग्रेस में छह से ज्यादा नेताओं ने दावेदारी पेश की है। कांग्रेस का कहना है कि वह अपने पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट आने के बाद प्रत्याशी को फाईनल करेंगी। जबकि भाजपा सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड के फैसले का इंतजार कर रही है। वहीं भाजपा का दावा है कि केदारनाथ उनकी परंपरागत सीट है इसकी वजह से भाजपा की जीत तय है जबकि कांग्रेस मंगलौर और बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत को आधार मानकर केंदारनाथ में भी जीत का दावा कर रही है।
केदारनाथ विधानसभा सीट पर चुनावी तारीखें घोषित कर दी गई है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक 20 नवंबर को मतदान होगी जबकि 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। केदारनाथ में कुल 90,540 मतदाता अपना नया विधायक चुनेंगे। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि चुनाव की घोषणा के साथ ही रुद्रप्रयाग जिले में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। उन्होने बताया कि केदारनाथ सीट पर कुल मतदाता 90540 हैं। इनमें से 45775 महिला जबकि 44765 पुरुष मतदाता हैं। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि केदारनाथ विधानसभा को जबतक नया विधायक नही मिलता है तबतक वह खुद केदारनाथ के विधायक के रूप में जनता की सेवा करेंगे
आपको बता दें कि इसी साल नौ जुलाई को केदारनाथ से भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के कारण केदारनाथ विधानसभा सीट खाली हुई थी। वहीं चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही भाजपा-कांग्रेस ने प्रत्याशियों के नामों पर मंथन शुरू कर दिया है। इसके तहत भाजपा ने अपने पर्यवेक्षकों से जिताऊ उम्मीदवारों के नाम मांगें हैँ। जबकि कांग्रेस ने चार पर्यवेक्षक बनाए हैं। कांग्रेस ने पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को मुख्य पर्यवेक्षक बनाया है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाईकमान के स्तर से की गई दो नए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा से राय नहीं ली गई। इससे करन माहरा नाराज बताए जा रहे हैं। हांलाकि कांग्रेस इस नाराजगी से इंकार कर रही है। साथ ही कांग्रेस में छह से ज्यादा नेताओं ने दावेदारी भी पेश की है। कांग्रेस अपने पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट आने के बाद प्रत्याशी को फाईनल करेंगी। जबकि भाजपा ने सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड को प्रत्याशियों के नाम का पैनल भेज दिया है।
कुल मिलाकर चुनाव आयोग ने केदारनाथ उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। वहीं भाजपा-कांग्रेस ने तारीखों के ऐलान के साथ ही जिताऊ प्रत्याशियों के नाम पर भी मंथन शुरू किया है। निश्चित ही भाजपा हरियाणा के नतीजों से काफी उत्साहित है लेकिन कांग्रेस बद्रीनाथ और मंगलौर उपचुनाव में मिली जीत को आधार मानकर केदारनाथ में भी जीत का दावा कर रही है। देखना होगा उपचुनाव की बाजी किसके हाथ लगती है।