Knews Desk, देवभूमि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। दअरसल धामी सरकार ने आंकड़े जारी कर बताया कि भ्रष्टाचार के मामलों में तीन साल के भीतर राज्य सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई की गई है। अभी तक भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में 63 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शपथ लेने के बाद से अभी तक कई लोगों को विजिलेंस ट्रैप कर चुकी है। इसके तहत आठ अधिकारी और 55 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई को लेकर पुष्कर धामी सरकार ने संदेश दिया कि कि भ्रष्टाचार करने वाला छोटा हो या बड़ा, सभी को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री के इस दावे के बीच नैनीताल हाईकोर्ट ने कौशल विकास योजना के तहत कोरोना काल से अब तक हुए करोड़ों के घोटाला मामले की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। आपको बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने कौशल विकास योजना के तहत कोरोना काल से अब तक हुए 131 करोड़ के घोटाला मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में बताया है कि कोरोना काल के दौरान जब सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगी थी लेकिन इस अवधि में भी प्रशिक्षण के नाम पर लगभग 131 करोड़ की धनराशि हड़प ली गयी। प्रदेश सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश में चल रही कौशल विकास प्रशिक्षण योजना के नाम पर ऐसे लोगो के नाम पर धन दिया गया जो इस दुनिया मे हैं ही नही। सवाल ये है कि भ्रष्टाचार के नाम पर सख्त कार्रवाई का दावा कर रही धामी सरकार आखिर क्यों इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रही है। क्या धामी सरकार कौशल विकास प्रशिक्षण योजना के नाम पर हुए घोटाले की सीबीआई जांच कराएगी.
उत्तराखंड में कौशल विकास के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ है। इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने करीब 131 करोड़ के घोटाले मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने इस मामले में (सीबीआई) से मौखिक तौर पर पूछा है कि क्या इस मामले पर सीबीआई की जाँच कराई जा सकती है। वहीं हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तिथि नियत की है। आपकों बता दे कि हल्द्वानी निवासी एहतेशम हुसैन खान और अन्य की तरफ से उच्च न्यायालय में जनहित दायर कर कहा है कि उत्तराखंड में केन्द्र सरकार के सहायतित कौशल विकास योजना में कोविड महामारी के दौरान गड़बड़ी की गयी है। कोरोना काल के दौरान जब सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगी थी लेकिन इस अवधि में प्रशिक्षण के नाम पर लगभग 131 करोड़ की धनराशि हड़प ली गयी। प्रदेश सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। जबकि इस घोटाले में अधिकारी सहित करीब 27 एनजीओ भी शामिल है।