उत्तराखंड – अधिवक्ता एक न्यायिक अधिकारी होता है। जो आम जन मानस को अदालत में न्याय देने का काम करता है। इसलिए इस पेशे का सम्मान अन्य पेशो से ज्यादा होता है। लेकिन इस पेशे से जुड़े अधिवक्ता से उम्मीद की जाती है कि वे सार्वजनिक जीवन में शिष्ट व्यवहार करे। लेकिन क्या हो जब एक अधिवक्ता ही कानून को अपने हाथ में ले। ऐसा ही एक मामला आया है राजधानी देहरादून में जहां एक अधिवक्ता ने कचहरी के निकट एक कार्यालय में घुसकर जानलेवा हमला किया। इसमें छ: लोगों समेत अन्य पर जानलेवा हमला, मारपीट तोडफोड धाराओं में केस दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया। जिसके बाद आरोपित अधिवक्ता को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुरानी रंजिस के चलते करी मारपीट
मामला बीते गुरुवार का है। जहां विरेन्द्र कुमार ने आरोप लगाया कि उसने अपने साथियों के साथ अधिवक्ता प्रमोद बालियान के अन्डर में काम लगभग छ साल काम किया। जिसके बाद वह प्रमोद बालियान को छोड़कर अधिवक्ता अरुण खन्ना व अन्य अधिवक्ताओं के साथ काम करने लगा। इसी कारण अधिवक्ता प्रमोद नाराज था और इसी कारण वह अन्य अधिवक्ताओं के साथ लाठी डंडे लेकर कार्यालय पहुंचा और विरेन्द्र, प्रवीण रावत और एक अन्य को पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। मामले के सम्बन्ध में शहर कोतवाल ने बताया कि शिकायत पर उक्त धाराओं मुकदमा दर्ज कर आरोपित प्रमोद को उसके दो बेटों समेत गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा भेज दिया गया।