उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा में होने वाले उपचुनाव से पहले कांग्रेस ने एक बार फिर केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा को शुरू करने का फैसला लिया है। कांग्रेस की दूसरे चरण की यात्रा प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में 12 सितंबर से फिर शुरू होने जा रही है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण, केदारनाथ मंदिर से सोना चोरी जैसे कई मामलों को लेकर 24 जुलाई से केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा की शुरुआत की थी लेकिन 31 जुलाई को केदारघाटी में आई आपदा के कारण यात्रा को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया था। वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सिर्फ केदारनाथ उपचुनाव में चुनावी लाभ लेने के लिए यह यात्रा निकाल रही है। वहीं कांग्रेस की यात्रा से पहले भाजपा ने केदारनाथ उपचुनाव में जीत के लिए पांच कैबिनेट मंत्रियों को उतारा है… सभी मंत्रियों को मंडल स्तर तक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साफ है कि भाजपा-कांग्रेस के लिए केदारनाथ उपचुनाव जीतना कितना महत्वपूर्ण है…वहीं भाजपा ने संगठन को मजबूत करने के लिए राज्य में भी सदस्यता अभियान का आगाज कर दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने पार्टी की सदस्यता लेकर इस अभियान की शुरूआत की है। वहीं भाजपा के नेता अब घर-घर जाकर पार्टी के अभियान से जनता को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
उत्तराखंड में केदारनाथ उपचुनाव की तारीखों का ऐलान भले अभी ना हुआ हो लेकिन केदारनाथ से जुड़े तमाम मुद्दों पर राज्य में सियासत गरमा गई है। भारी बारिश के बीच उत्तराखंड कांग्रेस ने दोबारा केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा को शुरू करने का फैसला लिया है। कांग्रेस की दूसरे चरण की यात्रा प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में 12 सितंबर से फिर शुरू होने जा रही है….बता दें कि कांग्रेस ने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण, केदारनाथ मंदिर से सोना चोरी जैसे कई मामलों को लेकर 24 जुलाई से केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा की शुरुआत की थी लेकिन 31 जुलाई को केदारघाटी में आई आपदा के कारण यात्रा को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया था। वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सिर्फ केदारनाथ उपचुनाव में चुनावी लाभ लेने के लिए यह यात्रा निकाल रही है।
वहीं एक ओर जहां कांग्रेस केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा निकालने जा रही है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा इस चुनावी दंगल को जीतने के लिए अभी से पूरी ताकत के साथ तैयारियों में जुट गई है। भाजपा किसी भी परिस्थिति में केदारनाथ के उपचुनाव को हाथ से नहीं निकलने देना चाहती यही वजह है कि भाजपा ने पांच कैबिनेट मंत्रियों को मंडल स्तर तक की जिम्मेदारी सौंपी है तो वहीं पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं को विधानसभा प्रभारी और संयोजक की भी जिम्मेदारी दी है। इस बीच भाजपा ने अपने राष्ट्रीय सदस्यता अभियान की उत्तराखंड में भी शुरूआत कर दी है। मुख्यमंत्री ने पार्टी की सदस्यता लेकर इस अभियान का आगाज किया है। पार्टी का दावा है कि सदस्यता अभियान में नया कीर्तिमान पार्टी स्थापित करेगी.
कुल मिलाकर राज्य में होने वाले केदारनाथ उपचुनाव से पहले राज्य में केदारनाथ के कई मुद्दों पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस एक ओर जहां सोना चोरी के साथ ही कई अन्य मामलों को लेकर यात्रा निकाल रही है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा पूरी ताकत के साथ केदारनाथ उपचुनाव को जीतने की तैयारियों में लग गई है। सवाल ये है कि क्या बद्रीनाथ और मंगलौर उपचुनाव जीतने के बाद क्या कांग्रेस केदारनाथ का उपचुनाव भी जीत जाएगी…क्या भाजपा की बूथ स्तर तक की तैयारी कांग्रेस पर भारी पड़ेगी या नहीं