उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश के बावजूद राज्य का सियासी पारा गरमाया हुआ है। दअरसल राज्य में आई आपदा के बावजूद राज्य के अधिकांश नेताओं, मंत्रियों, सांसदों और राज्य के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है। उत्तराखंड में एक के बाद एक नेता आए दिन दिल्ली में कभी पीएम मोदी, कभी अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे दिग्गज नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। राज्य में कैबिनेट विस्तार और दायित्व बंटवारे की चर्चाओं के बीच तमाम नेताओं की दिल्ली दौड़ ने राजनीति बयानबाजी को तेज कर दिया है। कांग्रेस एक ओर जहां नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही राजनीतिक अस्थिरता और वर्चस्व की लड़ाई की बात कह रहा है। हांलाकि भाजपा ने कांग्रेस के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए सभी नेताओं के दिल्ली दौरे के पीछे राज्य के विकास और जनकल्याण को वजह बताया है। वहीं भाजपा के नेताओं के दिल्ली दौरे के बीच उत्तराखंड कांग्रेस के भी कई वरिष्ठ नेताओँ की दिल्ली दौड़ शुरू हो गई है। दअरसल राज्य में जल्द निकाय और केदारनाथ में उपचुनाव होने है। इसके लिए कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा की अध्यक्षता में दिल्ली में बैठक बुलाई गई. बैठक में आगामी रणनीति पर मंथन किया गया। सवाल ये है कि नेताओं की दिल्ली दौड़ क्या सामान्य घटना है या नहीं
उत्तराखंड में दिग्गज नेताओं की दिल्ली दौड़ ने राज्य के सियासी पारे को गरमा दिया है। दअरसल राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही तमाम कैबिनेट मंत्री और सांसद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल के साथ ही पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने पीएम मोदी से मुलाकात की है। भाजपा नेताओँ की दिल्ली के दौड़ के बाद राज्य में सियासी पारा भी गरमा गया है। कांग्रेस एक ओर जहां इन मुलाकातों के पीछे नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही राजनीतिक अस्थिरता और वर्चस्व की लड़ाई की बात कह रहा है। तो वहीं भाजपा कांग्रेस के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए सभी नेताओं के दिल्ली दौरे के पीछे राज्य के विकास और जनकल्याण को वजह बता रहा है।
आपको बता दें कि दिल्ली दौड़ में सिर्फ भाजपा के नेता ही नहीं लगे है बल्कि कांग्रेस नेताओं की भी दिल्ली दौड़ अब शुरू हो गई है। उत्तराखंड में जल्द होने वाले निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने पार्टी नेताओं की दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई है। बैठक में कांग्रेस प्रभारी ने पार्टी के सभी नेताओं को एकजुटता का पाठ पढ़ाया है। सभी बड़े नेताओं से फीडबैक भी लिया है। कुमारी शैलजा ने कहा कि केदारनाथ उपचुनाव में भी बदरीनाथ और मंगलौर उपचुनाव के नतीजे दोहराने को अभी से कमर कस ली जाए।
कुल मिलाकर मंत्रिमंडल विस्तार और दायित्व बंटवारे की खबरों के बीच राज्य में भाजपा के नेताओँ के दिल्ली दौरे शुरू हो गये हैं। निश्चित ही इन मुलाकातों को सामान्य मुलाकात तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या भाजपा के नेताओं की ये मुलाकात राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा है या फिर राज्य फिर राज्य का विकास इसकी वजह है