रुद्रपुर। कमिश्नर दीपक रावत ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित तहसीलदार कार्यालय में आज अचानक छापा मारा। उन्होंने बाहर बैठे फरियादियों से पूछताछ की और उनकी समस्याएं जानी। इस बीच डीएम व अन्य अधिकारियों को पता लगने पर अफसर दौड़े-दौड़े तहसीलदार कार्यालय पहुंचे। कमिश्नर ने तमाम पत्रावली को देखा और लंबित पत्रवालियो पर नाराजगी जताते हुए स्पष्टीकरण मांगा।
जिम्मेदार कार्यालय कर्मचारियों को एडवर्स एंट्री देने के भी उन्होंने निर्देश दिए। कमिश्नर की इस कार्रवाई से हड़कंप मचा रहा। कमिश्नर ने कई बार तहसीलदार नीतू डांगर को चेतावनी दी और कार्यशैली पर नाराजगी जताई। कमिश्नर ने कहा कि इस तरह से तो काम नहीं चलेगा। फरियादियों की नोट शीट ना बनने पर भी कमिश्नर ने नाराजगी जताई और फाइलों पर तहसीलदार के हस्ताक्षर न होने पर भी उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। नाराजगी जताते हुए कमिश्नर ने तहसीलदार से कहा कि हम पहली बार तहसील का निरीक्षण नहीं कर रहे। फाइलों पर हेड राइटिंग को लेकर भी कमिश्नर ने नाराजगी जताई, क्योंकि हैंडराइटिंग न तो तहसीलदार और ना ही नाजिर की थी। कमिश्नर ने भीतर रखे फाइलों के बंडल भी मंगवाए और जवाब तलब किया। कमिश्नर ने गुस्सा होकर नाजिर को चेतावनी दी कि बताएं कि फाइल कहां से उठा कर लाए हैं अन्यथा उन्हें आधे घंटे के अंदर सस्पेंड कर दिया जाएगा। इस बीच पीआरडी के जवान से कुछ पूछने पर कमिश्नर ने तहसीलदार से कहा कि पीआरडी के जवान बताएंगे क्या ? हैंडराइटिंग का मिलान न होने पर कमिश्नर ने आधे घंटे का समय देते हुए कहा कि खुद बता दीजिए नहीं तो आधे घंटे के अंदर सस्पेंशन कर देंगे। उन्होंने तहसीलदार से पूछा कि आप पहले कहां थी और अब कहां जाना चाहेंगी। उन्होंने 143 की सभी फाइल तलब कर ली। 143 की फाइल में अज्ञात व्यक्ति की हैंडराइटिंग मिली।