उत्तरप्रदेश- यूपी के बरेली में तहसील सदर के गांव मुड़िया अहमद नगर एनएच 24, बड़ा बाईपास में गाटा संख्या 92-93 पर 1575 वर्ग मीटर किराएनामे के आधार पर संचालित भारत पेट्रोलियम पंप में भारी अनियमितताओं का मामला उजागर हुआ है। एसडीएम न्यायिक फरीदपुर की जांच रिपोर्ट में आशंका स्पष्ट हुई है कि यह पंप ओबीसी श्रेणी के तहत आवंटित हुआ था, लेकिन मिलीभगत के चलते इसे अन्य कैटेगिरी के व्यक्ति के नाम कर दिया गया। वहीं पेट्रोल पंप संचालन के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए है। फिलहाल काफी समय से शिकायतकर्ता और पीड़ित सरकारी विभागों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है।

दरअसल, पीड़ित सुरेश राजपूत जो कि ओबीसी वर्ग से हैं उनको साल 2018 में पेट्रोल पंप का अलॉटमेंट हुआ था, उन्होंने 2022 में 4,000 रुपये मासिक किराए पर जमीन लेकर सभी वैधानिक अनुमतियां प्राप्त कर लीं थी लेकिन 2023 में उनका किराया नामा निरस्त कर वही जमीन 41,000 रुपये मासिक किराए पर किसी अन्य को दे दी गई। यही नहीं वहीं आरोप है कि यूपी पॉल्यूशन नियंत्रण बोर्ड ने भी गलत तरीके से जनरल कैटेगरी के नाम पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया और खुलेआम नियमों को ताक पर रखकर दूसरी कैटेगिरी के व्यक्ति ने पंप का उद्घाटन कर लिया। पीड़ित सुरेश राजपूत का कहना है कि यदि उनको न्याय जल्द न्याय नहीं मिला तो वह मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाएंगे, वहीं शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इस जालसाजी की उच्चस्तरीय जांच कर पंप का लाइसेंस रद्द किया जाए।
वहीं एसडीएम न्यायिक फरीदपुर देश दीपक सिंह की जांच रिपोर्ट में उन्होंने कई बिंदुओं पर मिलीभगत की आशंका जताई है और स्पष्ट किया है कि ओबीसी व्यक्ति के नाम से न देकर जनरल कैटेगिरी के व्यक्ति के नाम एनओसी दी गई है।
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