उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देश कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस अवसर पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी.. साथ ही शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मोदी सरकार के कार्यों की जमकर सराहना की सीएम ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन को लागू करने के साथ ही पेंशन के साथ ही कई अन्य सुविधाएं प्रदान की है। सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में सेना को दुश्मन को जवाब देने के लिए खुली छुट दी गई है। भारतीय सेना अब दुश्मन की गोली का जवाब गोलों से दे रही है। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में पूर्व अग्निवीरों को सरकारी सेवाओँ में आरक्षण दिये जाने की घोषणा की है। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में जल्द ही सरकार एक्ट लाने जा रही है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली 10 लाख रुपए की राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपए किया गया है। वहीं मुख्यमंत्री की इस घोषणा को सत्तापक्ष ने बड़ा ही ऐतिहासिक बताया है जबकि विपक्ष को मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर विश्वास नहीं है। सवाल ये है कि आखिर क्यों विपक्ष मुख्यमंत्री की इन तमाम घोषणाओं पर भरोसा नहीं कर रहा है।
पूरा देश कारगिल युद्ध में भारत को मिली जीत के विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए। देहरादून के गांधी पार्क में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शहीदों को श्रदांजलि दी… इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मोदी सरकार के कार्यों की जमकर सराहना की सीएम ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन को लागू करने के साथ ही पेंशन के साथ ही कई अन्य सुविधाएं प्रदान की है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में पूर्व अग्निवीरों को सरकारी सेवाओँ में आरक्षण दिये जाने की घोषणा की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली 10 लाख रुपए की राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपए किये जाने की भी घोषणा की है। वहीं मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।
आपको बता दें कि वर्ष 1999 में हुए कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 रणबांकुरों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। इसके अलावा इस युद्ध में 527 जवानों ने अपनी शहादत दी थी। जबकि 1363 से ज्यादा जवान इस युद्ध में घायल हुए थे। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 5 हजार से ज्यादा जवानों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। भारतीय सेना की इस ताकत की बदौलत ही आज पूरा देश सुरक्षित है। इस बीच केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में भी अग्निवीर योजना पर जमकर बवाल मचा था। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही इस योजना को खत्म करने का वादा किया है। वहीं अब मुख्यमंत्री के पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण दिये जाने की घोषणा पर अब सवाल खड़े किये जा रहे हैं
कुल मिलाकर भारतीय सेना की ही बदौलत आज हम सभी भारतवासी चैन की निंद सो पाते हैं। पूरे देश को भारत की सेना पर गर्व है। इस बीच केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर जहां कांग्रेस इस योजना को समाप्त करने का वादा कर रही है। तो वही दूसरी ओर से सीएम धामी पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण दिये जाने का वादा कर रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि अग्निवीर पर मचा घमासान कब शांत होगा। देखना ये भी होगा कि आखिर कबतक मुख्यमंत्री की घोषणा धरातल पर उतर पाती है