देवभूमि में मंथन,मृत्युलोक का सत्संग !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में मंगलवार को सत्संग के बाद मची भगदड़ में 116 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि सौ से अधिक लोग घायल हो गए। मरने वालों में एक पुरुष, सात बच्चे और 108 महिलाएं शामिल हैं। ये हादसा उस समय हुआ जब फुलरई मुगल गढ़ी में साकार नारायण विश्वहरि उर्फ भोले बाबा सत्संग समाप्त करने के बाद बाहर निकल रहे थे। वही ीा हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, के साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख प्रकट किया है..
मुख्यमंत्री ने कहा की हाथरस का हादसा हृदय विदारक है। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और प्रभु से शोकाकुल परिजनों को असीम दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं। वही इस घटना के बाद से उत्तराखंड सरकार की भी चिंता बढ़ गई है। राज्य में आए दिन होते धार्मिक आयोजन, चारधाम यात्रा, कावड़ यात्रा के साथ ही तमाम आयोजनों में ऐसी भगदड़ ना मचे इसके लिए विशेष इंतज़ाम करने के निर्देश दिए गए है। वही विपक्ष ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के शाशन प्रसाशन को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही मिस मैनेजमेट को इसकी बड़ी वजह बताया है। सवाल ये है की क्या उत्तराखंड में इस तरीके के  बाबाओ के दरबार लगाने की अनुमति मिलनी चाहिए

उत्तरप्रदेश के हाथरस में हुई घटना ने सबको झंकझोर कर रख दिया है.सत्संग के बाद मची भगदड़ में  116 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। जबकि सौ से अधिक लोग घायल हो गए। मरने वालों में एक पुरुष, सात बच्चे और 108 महिलाएं शामिल हैं। ये हादसा उस समय हुआ जब फुलरई मुगल गढ़ी में साकार नारायण विश्वहरि उर्फ भोले बाबा सत्संग समाप्त करने के बाद बाहर निकल रहे थे। वही हादसे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख प्रकट किया है..
मुख्यमंत्री ने कहा की हाथरस का हादसा हृदय विदारक है। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ

वही हाथरस की घटना ने उत्तराखंड सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है। दअरसल राज्य में आए दिन होते धार्मिक आयोजन, चारधाम यात्रा, कावड़ यात्रा के साथ ही तमाम आयोजनों में ऐसी भगदड़ ना मचे इसके लिए विशेष इंतज़ाम करने के निर्देश दिए गए है। वही विपक्ष ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के शाषन प्रसाशन को जिम्मेदार ठहराया है।

वही देवनागरी में भी हाथरस धार्मिक कार्यक्रम के द्वारा आयोजित सत्संग में हुए हादसे में आज पतित पावनी मां गंगा जी कुंभ नगरी हरिद्वार बिरला घाट है मां गंगा जी से मृत आत्मा की शांति के लिए दीपदान एवं घायलों के लिए अति शीघ्र उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना की गई ऐसे आयोजनों में आम जनता से सचेत रहने की अपील भी की गई

कुल मिलाकर हाथरस की घटना ने एक़ और जहाँ सभी को दुखी किया है तो वही दूसरी और सभी सरकारों को भी नए सिरे से सोचने पर मजबूर किया है सवाल ये है की हाथरस की घटना से हमने क्या सबक लिया है। सवाल ये भी है की आखिर इन  बाबाओ के दरबार लगाने की अनुमति क्या मिलनी चाहिए या नही

 

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