KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन सभागार में आयोजित समारोह में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में नवचयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ये नियुक्तियां महिला एवं बाल कल्याण को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम हैं।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने जानकारी दी कि इन सभी अभ्यर्थियों का चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया गया है।
कार्यक्रम में महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतिभा शुक्ला भी उपस्थित रहीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नियुक्तियों से प्रदेश में आंगनबाड़ी तंत्र मजबूत होगा और महिलाओं व बच्चों को पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं का और बेहतर लाभ मिलेगा।
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा पिछले आठ वर्षों में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। 6 जिला कार्यक्रम अधिकारी और 200+ बाल विकास परियोजना अधिकारियों की पदोन्नति उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से की गई। 75 जनपदों में 19,424 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नई भर्ती की गई। 3000+ सहायिकाओं को कार्यकत्री पद पर प्रमोशन मिला। 22,290 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मुख्य में तब्दील कर उनका मानदेय ₹5,500 से बढ़ाकर ₹8,000 किया गया। दो वर्ष पूर्व 320 मानदेय कर्मियों को नियमित सेवा में शामिल किया गया।
सरकार ने 182 मृतक मुख्य सेविकाओं के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति देकर कनिष्ठ सहायक और चतुर्थ श्रेणी पदों पर तैनात किया। 20 वर्षों बाद मुख्य सेविकाओं (समूह ‘ग’) को समूह ‘ख’ में पदोन्नत कर 197 बाल विकास परियोजना अधिकारी बनाए गए। वर्ष 2025 में अब तक 20,000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की पारदर्शी भर्ती हो चुकी है, जिससे विभागीय कामकाज में गुणवत्ता और गति दोनों आई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी सेविकाओं और फार्मासिस्टों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “प्रदेश की महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण की दिशा में आप सभी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ आपके प्रयासों में सहयोग करती रहेगी।” यह कार्यक्रम न केवल सरकारी तंत्र की नीतिगत सफलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि पारदर्शिता और दूरदृष्टि के साथ किए गए फैसले समाज के सबसे निचले पायदान तक विकास पहुंचा सकते हैं।