रिपोर्ट:विकास गुप्ता
सरगुजा- सरगुजा जिले सहित लखनपुर क्षेत्र में माल वाहकों में सवारी ढोने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बार बार हादसे के बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं| जब कोई हादसा होता है तो इस पर बहस होती है। उसी समय नियमों की भी याद आती है लेकिन फिर वही सिलसिला बदस्तुर जारी रहता है। लगातार क्षेत्र में मालवाहक पिकअप, ट्रैक्टर, छोटा हाथी सहित अन्य माल वाहकों में भेड़ बकरियों की तरह ठूस ठूस के सवारी भर एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जा रहा है।
वहीं यातायात विभाग के उदासीनता से लगातार मालवाहकों में सवारी ढोया जा रहा है। यातायात विभाग के द्वारा मालवाहक चालकों और मालिकों के खिलाफ अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। गौरतलब है कि मोटर व्हीकल एक्ट के विभिन्न धाराओं के तहत केवल माल वाहक वाहनों में सामान ढोने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। इसमें सवारी बैठाने पर पाबंदी है। इसके बावजूद नियमों का उल्लंघन हो रहा है। मालवाहक वाहनों को यात्री वाहन के रूप में उपयोग करना गैर कानूनी है। पुलिस विभाग के द्वारा मालवाहक वाहनों में सवारी ढोने पर एमबी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। अब देखने वाली बात होगी कि यातायात विभाग इन मालवाहक वाहनों में सवारी ढोने पर किस प्रकार की कार्रवाई करता है। या फिर यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहेगा।
बार-बार हादसे के बाद भी सबक नहीं ले रहे लोग
छत्तीसगढ़ के कवर्धा हादसे के बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं। जिले के लखनपुर क्षेत्र में ट्रैक्टर और पिकअप वाहन में ठूस ठूस के सवारी ढोया जा रहा है। बुधवार को लखनपुर साप्ताहिक बाजार होने पर पिकअप और ट्रैक्टर वाहन में बाजार करने आने वाले ग्रामीणों को मालवाहकों में बैठाकर लाया जा रहा है और यातायात विभाग आंखें मूंदे बैठा है। लगातार मालवाहकों में सवारी ढोने से लोग हादसे को निमंत्रण दे रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में मालवाहन वाहनों का उपयोग
मालवाहक वाहनों का उपयोग अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के द्वारा किया जाता है। इन्हें यदि किसी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए दूसरे गांव जाना होता है तो ये पैसे बचाने के चक्कर में अधितर मालवाहनों का ही उपयोग करते हैं, जिसका नतीजा कई लोगों की मौत और कई हमेशा के लिए अपने अंगों को खो देते हैं। दर्दनाक हादसे लम्बे समय तक गहरे जख्म भी दे जाते हैं।