रिपोर्ट: संजय यादव
बिलासपुर- बिलासपुर ऑनलाइन साइबर ठगी करने वाले बांग्लादेशी व कैमरून मूल के 2 अंतरराष्ट्रीय ठगों सहित कुल 4 शातिर जालसाजों पर बिलासपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। व्हाट्सएप और टेलीग्राम ऐप के माध्यम से होटल, किला, लाॅज की रिव्यू रेटिंग कर कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर ठगी किये थे| साइबर ठगों के झांसे में आकर प्रार्थी ने करीबन 27 लाख रू गंवाए थे| पुलिस ने अब तक ठगी की राशि में से करीब 9 लाख रू प्रार्थी को वापस कराये हैं| सेकंड हैंड मोबाइल, फर्जी सिम कार्ड व फर्जी बैंक अकाउंट का आरोपी धोखाधड़ी करने में उपयोग करते थे|
दरअसल, सरकंडा थाना क्षेत्र के मोपका के रहने वाले प्रार्थी सियाशरण तिवारी को अज्ञात मोबाइल धारक ने व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क कर घर में रहकर काम करने और अधिक लाभ कमाने का प्रलोभन दिया और ऑनलाइन टेलीग्राम ऐप के माध्यम से लिंक भेजकर गूगल मैप पर होटल, लाॅज, किला की ऑनलाइन रिव्यू रेटिंग कर उसका स्क्रीन शाॅट भेजने पर मुनाफा कमाने के नाम पर उससे कुल 27,80,510 रूपये ठगी की थी| इसकी रिपोर्ट पर पुलिस अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया|
इस बीच प्रार्थी के साथ धोखाधड़ी करने वाले व्यक्तियों की जानकारी इकट्ठा करने पुलिस साइबर पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज कर अवलोकन किया गया| संदिग्ध बैंक खातों को चिन्हांकित कर बैंक स्टेटमेंट,ए.टी.एम फुटेज की समीक्षा व तकनीकी इन्पुट के आधार पर आरोपियों के हिमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन के आसपास मे अड्डा बनाकर अपराध करने की जानकारी मिली। इसपर पुलिस टीम को हिमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन रवाना किया गया। बिलासपुर की पुलिस टीम 1 सप्ताह से अधिक समय तक हिमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन में रहकर आरोपियों का ठिकाना जानकर विवेचना शुरू की तभी आरोपियों के द्वारा ऑनलाइन ठगी का काम करने में संलिप्त होने की जानकारी मिली।
इसपर स्थानीय पुलिस के सहयोग से आरोपी प्रियांशु रंजन निवासी हैदराबाद को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जो अपने साथी मो.शोबुल,राजवीर सिंह व टेम्फु कार्ल नगेह के साथ मिलकर करीब 1 साल से अधिक समय से टेलीग्राम ऐप के माध्यम से लोगों को जोड़कर अलग अलग प्रकार से मुनाफा कमाने के नाम पर ऑनलाइन ठगी का काम करने की बात स्वीकार किया। जिसके बाद सभी की गिरफ्तारी की गई| वहीं ठगी के काम में आने वाले समान जैसे मोबाईल फोन, लैपटाॅप, फर्जी सिम कार्ड व फर्जी बैंक खाते पुलिस ने जब्त किये| गिरफ्तार आरोपियों के नाम प्रियांशु रंजन पिता विजय कुमार पाण्डेय एसबीआई भास्कर राॅव नगर साई जीएनआज रेसीडेंनसी प्लॉट न. 08,09 सैनिकपुरी हैदराबाद हाल मुकाम बाहरादुनौती वाक्माघाट शिमला (हिमाचल प्रदेश) 2 राजवीर सिंह पिता भारत सिंह ग्राम व पोस्ट कलालकरन जिला (जम्मू काश्मीर) हाल निवासी बाहरा यूनिवर्सिटी वाक्नाघाट शिमला (हिमाचल प्रदेश)3 मो० शोबुज मोरल पिता मो. शहाबुद्दीन मोरल तेलीखानी दारून मोरनी खुलना बांग्लादेश हाल निवासी बाहरा यूनीवर्सिटी कलाघाट शिगला (हिमाचल प्रदेश)4. टेम्कु कार्ल नगेह पिता टेग्फ रिचर्डस निवासी बामेन्डा 3 नर्कन कमेरुनियन (Tamfu Karl Ngeh S/O Tamfu Richard Age 22 Year Address Bamenda 3 Nkwen Cameroonian) हाल निवासी बाहरा यूनिवर्सिटी वाक्नाघाट सोलन (हिमाचल प्रदेश) गिरफ्तार किये गये चारों आरोपी बाहरा यूनिवर्सिटी वाक्नाघाट सोलन के छात्र हैं| गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक रिमाण्ड पर न्यायालय में पेश किया गया।
-बिलासपुर पुलिस की अपील-
सायबर ठग आये दिन नये-नये तरीकों के माध्यम से आम जनता से धोखाधड़ी करने का प्रयास करते हैं।
कोई भी व्यक्ति अनजान नम्बर से अपने आप को पुलिस का अधिकारी, सी.बी.आई.अथवा ई.डी. का अधिकारी बताकर ठगी करने का प्रयास करते हैं। ऐसे काॅल से सावधान रहें। बिलासपुर पुलिस इस प्रकार के ठगी को रोकने के लिये थानों में आम जनता द्वारा दर्ज कराये गये रिपोर्ट में मोबाइल नम्बर एवं व्यक्तिगत जानकारी हाईड की जा रही है।
अनजान व्यक्ति जिसका नम्बर आपके मोबाइल पर सेव नहीं है, उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी, बैंकिग जानकारी, ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर न करें।
अनजान वेबसाइट एवं अनाधिकृत ऐप डाॅउनलोड या सर्च करने से बचें।
कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने अथवा रकम दुगना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें। खुद को स्वयं होकर ठगों के पास न पहुंचाएं।
स्वयं की पहचान छुपाकर सोशल मीडिया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हाट्सएप इत्यादि के माध्यम से ईंटिमेट (अश्लील लाईव चैंट) करने से बचें।
परीक्षा में अधिक अंकों से पास करा देने का झांसा देने वाले व्यक्तियों को खासकर 92 नम्बरों से आने वाले वाॅट्सअप काॅल से बचने का प्रयास करें।
गुगल सर्च इंजन पर आमजन अपनी सुविधानुसार कस्टमर केयर का नम्बर प्राप्त करने वेब ब्राउजर पर नम्बर सर्च करता है। किन्तु वेबसाइट की जांच परख किये बिना उपलबद्ध नम्बर पर संपर्क कर फ्राॅड में फंसकर अपनी जमा पूंजी एवं निजी जानकारी खो बैठता है।
गुगल प्ले स्टोर अथवा वेब ब्राउजर अथवा सोशल मीडिया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हाट्सएप लिंक के माध्यम से डाउनलोड किये गये लोन ऐप आपको कुछ राशि देने के एवज में आपके फोन का डाटा जिसमें आपके मोबाइल में संरक्षित परिचित व्यक्तियों के मोबाइल नम्बर, फोटो, वीडियो आदि आपके परमिशन से अपने पास सुरक्षित रख लेते हैं। एवं आपकी निजी जानकारी फोटो एडिट कर अशलील में परिवर्तित कर आपके परिचितों में फैला देने एवं लोन राशि ब्याज सहित वापस करने का दबाव बनाकर एवं ब्लैकमेल कर रकम की उगाही की जाती है।
इन सब के अतिरिक्त भी आपकी बैंकिंग जानकारी एवं ओ.टी.पी. व क्रेडिट अथवा डेबिट कार्ड के पीछे छपे सी.वी.वी. नम्बर प्राप्त कर भी फ्राॅड की जाती है, जिनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।
इन सभी सावधानी बरतने के बाद भी यदि साइबर फ्राॅड के शिकार हो जाते हैं तो निम्न प्रकार से त्वरित रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं।
तत्काल नजदीकी थाना में अपनी शिकायत दर्ज करें।
हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।