रिपोर्ट:विकास गुप्ता
सरगुजा- तीन मार्च को विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है, जिसके उपलक्ष्य में आज सरगुजा जिले में राष्ट्रीय बधिरता नियंत्रण कार्यक्रम का आयोजन किया गया| इस अवसर पर बरगीडीह में स्वास्थ्य कैंप व आशा निकुंज मूक बधिर विद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया|
इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉक्टर शैलेंद्र गुप्ता ने बताया कि बधिरता अर्थात सुनने की क्षमता में कमी का कारण उम्र के अनुसार अलग-अलग रहता है| पांच वर्ष से कम उम्र में बधिरता का कारण जन्म जात होता है। यदि समय रहते बधिरता की जांच न कराई जाय, तो बधिरता से प्रभावित बच्चा जीवन भर मूक बधिर रहता है। पांच वर्ष ज्यादा व 20 वर्ष तक बधिरता का कारण कान में वैक्स का जमा होना संक्रमण या कान बहना होता है, जो कि इलाज से पूरी तरह ठीक हो जाता है।
इस दौरान बरगीडीह स्वास्थ्य कैंप में 67 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ, जिसमें 30 मरीज बुर्जुग थे, जिनमें सुनने की क्षमता में कमी पाई गई। सुनने की क्षमता में कमी के कारण भूलने की बीमारी अवसाद व नींद न आने जैसी समस्या बुर्जुगों में देखी जाती है। इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया।