KNEWS DESK- उत्तराखंड में स्थित प्रसिद्ध चारधाम यात्रा एक बार फिर से शुरू होने जा रही है। 13 सितंबर, शनिवार से यमुनोत्री धाम के लिए यात्रा को हरी झंडी दी जाएगी। इससे पहले गंगोत्री धाम की यात्रा 9 सितंबर से ही बहाल की जा चुकी है। हाल ही में उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई आपदा के कारण यात्रा अस्थाई रूप से रोक दी गई थी, लेकिन अब सड़क मार्गों की मरम्मत पूरी होने के बाद तीर्थयात्रियों को फिर से दर्शन का अवसर मिलेगा।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि यमुनोत्री के जंगलचट्टी के पास करीब 150 मीटर सड़क का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। यह मरम्मत कार्य अब अंतिम चरण में है। 13 सितंबर से यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया गया है।साथ ही ऋषिकेश और हरिद्वार में ऑफलाइन यात्रा पंजीकरण केंद्र भी फिर से खोल दिए गए हैं।
गंगोत्री धाम तक का रास्ता 9 सितंबर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था। हालांकि, कुछ संवेदनशील जगहों जैसे धरासू, नालूपानी, हेलगुगाड़ और डबरानी में भूस्खलन की घटनाएं रुक-रुक कर सामने आ रही हैं। यात्रियों को इन जगहों पर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को ही फिलहाल गंगोत्री भेजा जा रहा है।
प्रशासन के अनुसार, केदारनाथ और बद्रीनाथ के लिए जाने वाले सभी प्रमुख मार्ग लगभग साफ हो चुके हैं। कुछ छोटे मार्गों पर मरम्मत जारी है, लेकिन यात्रा बहाल करने के लिए सभी ज़रूरी व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं। प्रशासन ने बताया कि यात्रा को पूरी तरह सुचारू बनाए रखने के लिए मशीनरी और टीमें तैनात कर दी गई हैं।
जिलाधिकारी ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे घर से निकलने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लें, यात्रा पंजीकरण अनिवार्य रूप से करवाएं और प्रशासन द्वारा तय दिशानिर्देशों का पालन करें, ताकि यात्रा के दौरान किसी भी असुविधा से बचा जा सके।
चारधाम यात्रा अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है। 2 अक्टूबर (विजयादशमी) को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने की तिथि घोषित की जाएगी जबकि 23 अक्टूबर (भाई दूज) को कपाट औपचारिक रूप से बंद कर दिए जाएंगे यानी श्रद्धालुओं के पास धार्मिक यात्रा के लिए अब दो महीने से भी कम का समय बचा है।