उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट,
उत्तराखंड की सियासत में इस समय विकास के साथ ही यहां के लोगो को डिजिटली सुरक्षा देने का मन बना लिया है. यह ऐसा विकास है. जो न सिर्फ सड़कों और इमारतों तक सीमित है. बल्कि डिजिटल सुरक्षा, शहरी विस्तार और निवेश जैसी दीर्घकालिक रणनीतियों को भी केंद्र में रखता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश की राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर राज्य की नई प्राथमिकताओं को लेकर कई प्रस्तावों पर चर्चा की. जिसमे प्रदेश में बढ़ रहे सायबर क्राइम को साइबर सुरक्षा देने की रही. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने की पहल की है। मुख्यमंत्री ने राज्य में साइबर सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव रखा है और इसके लिए केंद्र सरकार से 63.60 करोड़ रुपये की मांग की है। यह केंद्र न केवल डिजिटल अपराधों की रोकथाम में मदद करेगा. बल्कि उत्तराखंड को साइबर फॉरेंसिक, डाटा प्रोटेक्शन और साइबर एक्सपर्ट ट्रेनिंग जैसे आधुनिक क्षेत्रों को मजबूत बनाएगा। वहीं दूसरी ओर, सीएम धामी ने राज्य में बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से विद्युत संरचना को होने वाले नुकसान पर भी केंद्र का ध्यान आकर्षित किया है। उनके मुताबिक पर्वतीय राज्यों की भौगोलिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए वितरण से जुड़ी परिसंपत्तियों को एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के तहत मुआवजे के दायरे में लाने पर ज़ोर दिया गया। वही सीएम धामी ने उत्तराखंड में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य ने 3.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इसे उत्सव के रूप में मनाते हुए ‘उत्तराखंड निवेश उत्सव’ का आयोजन पंतनगर-रुद्रपुर के औद्योगिक क्षेत्र में किया जाना है। वही विपक्ष ने धामी सरकार की उत्तराखंड में साइबर सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना करने के सवाल का स्वागत किया. तो दूसरी ओर पंतनगर-रुद्रपुर में ‘उत्तराखण्ड निवेश उत्सव’ के नाम से होने वाले आयोजन पर कई सवाल खड़े कर दिए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री के सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘नए भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार का निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग राज्य के विकास को नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है। साइबर सुरक्षा उत्कृष्टता सेंटर डिजिटल अपराधों की रोकथाम, विशेषज्ञ प्रशिक्षण, साइबर फोरेंसिक और आधुनिक संसाधनों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को राज्य की इलेक्ट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति पर चर्चा करते हुए जानकारी दी कि छोटे हिमालयी राज्यों की भौगोलिक विषमताओं को ध्यान में रखते हुए विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण परिसंपत्तियों को एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के तहत क्षतिपूर्ति के दायरे में लाया जाए। इससे राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र और अधिक प्रभावी एवं सशक्त होगा। अब देखना होगा राज्य के विकास के लिए केंद्र से ये बजट कब तक मिल पाएगा।