Knews Desk, देहरादून के सिविल कोर्ट में फ़र्ज़ी शपथपत्र देने में आरटीओ के साथ – साथ 6 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज़ हुआ। एसओ रायपुर कुंदन राम ने बताया की पुनीत अग्रवाल निवासी एटीएस कॉलोनी , सहस्त्रधारा रोड ने एसएसपी कार्यालय में तहरीर दी। तहरीर के अनुसार , पुनीत अग्रवाल का एटीएस हेवन्ली फुटहिल्स में एक प्लॉट हैं। इस प्लाट में वो पिछले वर्ष बोरिंग कराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने जल संस्थान से भी अनुमति ली थी। लेकिन सोसाइटी के पदाधिकारियों में आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा समेत अन्य ने निर्माण का विरोध किया।
आरोपियों में डीआरडीओ , एसबीआई और यूपीसीएल के अफसर के साथ ही एक वकील भी शामिल हैं। वकील को छोड़कर अन्य आरोपी आवासीय सोसाइटी में बोरिंग किये जाने का विरोध कर रहे थे। विरोध का ये मामला सिविल कोर्ट में चला गया। सिविल कोर्ट ने इस पर स्टे दिया और पुनीत अग्रवाल को बोरिंग के लिए इजाजत दे दी। मुकदमे में भी अगली तारीखे लगी। इसके बाद विरोध करने वाले छह लोगो ने स्वंय उपस्थित न होने के लिए एक अधिवक्ता आशीष नाथ को पैरवी के लिए नियुक्त किया। इसके लिए इनसभी ने आशीष नाथ के पक्ष में पावर ऑफ़ अटॉर्नी कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया। यह मामला काफी गहराई में जा चुका हैं और जितने भी शपथपत्र इन सभी के द्वारा प्रस्तुत किये गए वो सब फ़र्ज़ी पाए गए।
यह सब होने के बाद पुनीत अग्रवाल ने राजेंद्र सिंह नेगी जी को एक नोटिस भेजा जिसके द्वारा सच का पता लगा। और इसके बाद यह पता चला की नोटरी अधिवक्ता नेगी ने ऐसे कोई शपथपत्र सत्यापित नहीं करे हैं और यह सब फ़र्ज़ी हैं।फिर रायपुर पुलिस की जांच -पड़ताल के द्वारा फ़र्ज़ी शपथपत्र देने की वजह से इन सब पर मुकदमा दर्ज़ हुआ हैं और सच्चाई का भी पता चला हैं।