उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, धामी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले देहरादून में बजट सत्र आयोजित करने जा रही है। सरकार ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण की अध्यक्षता में हुई बैठक में सत्र की सुरक्षा व्यवस्था समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई। बता दें कि धामी सरकार विधानसभा में आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए करीब 90 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश कर सकती है। 26 फरवरी से विधानसभा का बजट देहरादून में शुरू होगा…वहीं चुनाव से पहले शुरू हो रहे बजट सत्र के बेहद हंगामेंदार रहने के आसार है। दअरसल कांग्रेस विधानसभा का बजट सत्र दो सप्ताह से अधिक समय तक चलाने की सरकार से मांग कर रही है। इसके साथ ही कांग्रेस बजट सत्र को देहरादून में कराने का भी विरोध कर रही है। कांग्रेस ने बजट सत्र दून में करने के फैसले के खिलाफ मौर्चा खोलने का निर्णय लिया है। कांग्रेस सदन से सड़क तक सत्तापक्ष को घेरने की तैयारी में है। इसके साथ ही कांग्रेस ने 27 फरवरी को गैरसैंण में प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र आयोजित करने का भी फैसला लिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा, कि राज्य आंदोलन के समय से आंदोलनकारी गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग कर रहे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गैरसैंण मे विधानसभा भवन सहित बुनियादी ढांचे का निर्माण करते हुए वहां सत्र किए। लेकिन धामी सरकार अब ठंड के नाम पर वहां सत्र करने से परहेज कर रही है। ऐसे में कांग्रेस गैरसैंण में जन भागीदारी से प्रतीकात्मक विधानसभा का आयोजन कर भू-कानून, अंकिता हत्याकांड, बेरोजगारी, महिला अपराध, पलायन, बिगड़ती कानून व्यवस्था, भर्ती घोटाले, अग्निवीर भर्ती समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा करेगी। आपको बता दे कि धामी सरकार ने पक्ष विपक्ष के विधायकों द्वारा पत्र लिखकर सत्र गैरसैंण की बजाय देहरादून में कराने के अनुरोध को स्वीकार करते हुए सत्र देहरादून में कराने का फैसला लिया जिसपर अब बवाल छिड़ गया है। सवाल ये है कि क्या सत्र गैरसैँण में करने से गैरसैँण का विकास होगा या फिर गैरसैँण सिर्फ एक राजनीति का मुद्दा भर रह गया है।
26 फरवरी से उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र देहरादून में शुरू होने जा रहा है। सरकार ने सत्र के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने सभी अधिकारियों को व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के निर्देश दिए हैँ। वहीं सत्र शुरू होने से पहले ही सत्र पर हंगामा शुरू हो गया है। दअरसल कांग्रेस विधानसभा का बजट सत्र दो सप्ताह से अधिक समय तक चलाने की सरकार से मांग कर रही है। इसके साथ ही कांग्रेस बजट सत्र को देहरादून में कराने का भी विरोध कर रही है। कांग्रेस ने बजट सत्र दून में करने के फैसले के खिलाफ मौर्चा खोलने का निर्णय लिया है। कांग्रेस सदन से सड़क तक सत्तापक्ष को घेरने की तैयारी में है।
वहीं एक तरफ जहां कांग्रेस सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की सरकार से मांग कर रही है तो वही दूसरी ओर कांग्रेस बजट सत्र को देहरादून में कराने के सरकार के फैसले का भी विरोध कर रही है। कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले के विरोध में 27 फरवरी को गैरसैंण में प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र आयोजित करने का भी फैसला लिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि धामी सरकार ठंड के नाम पर गैरसैँण में सत्र करने से बच कर रही है। ऐसे में कांग्रेस गैरसैंण में जन भागीदारी से प्रतीकात्मक विधानसभा का आयोजन कर भू-कानून, अंकिता हत्याकांड, बेरोजगारी, महिला अपराध, पलायन, बिगड़ती कानून व्यवस्था, भर्ती घोटाले, अग्निवीर भर्ती समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा करेगी। बता दे कि धामी सरकार ने पक्ष विपक्ष के विधायकों द्वारा पत्र लिखकर सत्र गैरसैंण की बजाय देहरादून में कराने का अनुरोध किया था जिसके बाद सरकार ने सत्र देहरादून में करने का फैसला लिया है।
कुल मिलाकर उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले बजट सत्र पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने सत्र के दौरान सदन से सड़क तक सत्तापक्ष को घेरने की रणनीति तैयार की है। कांग्रेस विधायक जहां सदन के भीतर सरकार को घेरेंगे तो दूसरी ओर कांग्रेस नेता गैरसैंण में प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र आयोजित कर सरकार को गैरसैँण के मुद्दे पर घेरती हुई नजर आएंगे सवाल ये है कि क्या सत्र गैरसैँण में करने से गैरसैँण का विकास होगा या फिर गैरसैँण सिर्फ एक राजनीति का मुद्दा भर रह गया है।