उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट: उत्तराखंड के चुनावी दंगल को जीतने के लिए भाजपा ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है। भाजपा अपने विरोधी दलों को इस चुनावी मैदान में चारो खाने चीत करने की तैयारी में है…यही वजह है कि भाजपा के चुनावी कार्यक्रम तेज हो गए हैँ…बैठकों का दौर लगातार जारी है। देहरादून में हुई भाजपा की लोकसभा चुनाव योजना बैठक में भाजपा ने जीत के लिए माईक्रो प्लान तैयार किया है..इसके तहत राज्य में विपक्ष के मजबूत बूथों को विशेष रूप से टारगेट किया जाएगा। भाजपा ने राज्य के करीब 12 हजार बूथों को ए, बी,सी और डी यानि की चार श्रेणियों में बांटा है। ए श्रेणी में वह बूथ रखे गए हैं जहां पर पार्टी 2014 के लोकसभा चुनावों से लेकर 2017, 2019 और 2022 के चुनावों में भी जीती है। बी श्रेणी में उन बूथों को रखा गया है.. जहां पर पार्टी लोकसभा में जीती है लेकिन विधानसभा में हारी है। इसकी सूची तैयार की जा रही है। इन बूथों को पार्टी फिर से इन लोकसभा चुनावों में जीतने पर फोकस करेगी। इसके लिए पार्टी ने कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक पर सेंध लगाने की योजना बनाई है। खासकर अनुसूचित जाति के वोटरों को रिझाने पर भाजपा का खास फोकस है। वहीं भाजपा ने अपने सभी सांसदों, पूर्व सीएम और अन्य प्रतिभागियों से चुनाव को देखते हुए रणनीति बनाने को लेकर सुझाव भी मांगे है…भाजपा को पूरी उम्मीद है कि इस बार भी वह राज्य की पांचों लोकसभा सीटों में जीत की हैट्रिक मारने जा रही है….भाजपा को जीत का इतना भरोसा है कि उसने जीत के लक्ष्य को कई गुना बढ़ाते हुए राज्य की हर सीट को पांच लाख मतों के अंतर से जीतने का लक्ष्य रखा है। सभी मोर्चा और कार्यकर्ताओं को इसके लिए बूथ स्तर पर उतरकर जुटने को कहा गया है…हांलाकि विपक्ष भाजपा के इन दावों को हवा हवाई बताते हुए भाजपा को सबक सिखाने का दावा कर रहा है सवाल ये है कि क्या भाजपा का प्लान विपक्षी दलों पर भारी पड़ने वाला है और क्या हर लोकसभा सीट से पांच लाख मतो का अंतर भाजपा के OVER CONFIDENCE का शिकार तो नहीं है
लोकसभा चुनाव के लिए उत्तराखंड में मैदान सजने लगे हैं…. प्लान तैयार है और लक्ष्य भी तय कर लिया गया है। ऐसा ही कुछ भाजपा की उत्तराखंड में चल रही चुनावी तैयारियों को देखते हुए लग रहा है। दअरसल लोकसभा चुनाव योजना की बैठक में भाजपा ने जीत के लिए माईक्रो प्लान तैयार किया है..इसके तहत राज्य में विपक्ष के मजबूत बूथों को विशेष रूप से टारगेट किया जाएगा। भाजपा ने राज्य के करीब 12 हजार बूथों को विभिन्न क्षेणियों में रखा है। साथ ही भाजपा ने हर वर्ग को साधने की योजना तैयार की है। खासकर अनुसूचित जाति के वोटरों को रिझाने पर भाजपा का खास फोकस है। वहीं भाजपा ने अपने सभी सांसदों, पूर्व सीएम और अन्य प्रतिभागियों से चुनाव को देखते हुए रणनीति बनाने को लेकर सुझाव भी मांगे है…भाजपा को पूरी उम्मीद है कि इस बार भी वह राज्य की पांचों लोकसभा सीटों में जीत की हैट्रिक मारने जा रही है….हांलाकि विपक्ष भाजपा के जीत के दावे को हवा हवाई बता रहा है
आपको बता दें कि राज्य की पांचों लोकसभा सीटों में भाजपा का कब्जा है। पहले 2014 फिर 2019 और अब 2024 में भाजपा हैट्रिक मारने का दावा कर रही है। भाजपा को जीत का इतना भरोसा है कि उसने जीत के लक्ष्य को कई गुना बढ़ाते हुए राज्य की हर सीट को पांच लाख मतों के अंतर से जीतने का लक्ष्य रखा है। सभी मोर्चा और कार्यकर्ताओं को इसके लिए बूथ स्तर पर उतरकर जुटने को कहा गया है…साथ ही विधानसभा चुनाव में हारी हुई सीटों को भी मजबूत किया जा रहा है। वहीं विपक्ष भाजपा के इस लक्ष्य पर तंज कस रहा है।
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव के लिए अब समय बेहद कम है यही वजह है कि तमाम राजनीतिक दलों की तैयारी तेज हो गई है। हांलाकि इन तैयारियों में भाजपा सभी विपक्षी दलों को पीछे छोड़ चुकी है। वहीं भाजपा ने विपक्ष के मजबूत बूथों पर भी सेंधमारी की योजना बनाई है…साथ ही जीत के लक्ष्य को भी बढ़ा दिया है। सवाल ये है कि क्या भाजपा का प्लान विपक्षी दलों पर भारी पड़ने वाला है और क्या हर लोकसभा सीट से पांच लाख मतो का अंतर भाजपा हांसिल कर पाएगी या नहीं