भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बजट की करी प्रशंसा, विपक्ष के नजरिए को बताया निराशावादी

उत्तराखंड, देहरादून : भाजपा ने बजट पारित होने पर प्रसन्नता जताते हुए, इसे श्रेष्ठ राज्य की नींव रखने वाला बताया है । प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने विपक्ष के रवैए को निराशाजनक बताते हुए कहा कहा कि जन आकांक्षाओं की पूर्ति करने वाले बजट पर चर्चा करने के बजाय उन्होंने सदन और सड़क पर राजनैतिक हंगामे को तरजीह दी। अफसोस चर्चा के बजाय हंगामा और बॉयकॉट करने वाले अब सत्र में समय की कमी का रोना रो रहे हैं । ये गैरसैंण पर स्वांग भी रचते हैं और सत्र देहरादून में करने एवं इनके विधायक उसे स्थाई राजधानी बनाने की मांग भी करते हैं ।

 

विधानसभा से बजट 2024-25 पास होने पर प्रतिक्रिया देते हुए भट्ट ने कहा, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने एक बार पुनः सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी और विकासोन्नमुख बजट लाकर विकसित उत्तराखंड की दिशा में एक और निर्णायक कदम बढ़ाया है । महिलाओं के लिए जेंडर बजट में 617 करोड़ की वृद्धि उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम और रोजगार की आवश्यकताओं के लिए पूर्तिकारक होगा । ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों के लिए की गई 1000 करोड़ की व्यवस्था, उनकी शहरों से दूरी और यात्रा की सुगम बनाएगा । युवाओं कल्याण, सौर ऊर्जा और हाइड्रो परियोजनाओं के लिए की गई अतिरिक मदद ग्रीन ऊर्जा और रोजगार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होने वाली है । बजट में कृषि के लिए हुए प्रावधान दीन दयाल उपाध्याय सहकारिकता किसान योजना, एप्पल मिशन, किसान पेंशन, मत्स्य संपदा योजना से किसानों की आय में वृद्धिकारक होगा । हमे उम्मीद है कि गरीब कल्याण, औधोगिक विकास, पर्यटन, शहरी विकास, ग्राम्य विकास, अवसंरचना विकास आदि अन्य क्षेत्रों के लिए बजट में की गई व्यवस्था, श्रेष्ठ राज्य के लक्ष्य को और करीब लाने में मददगार होगा।

 

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सदन के अंदर और बाहर उनके व्यवहार में दोगलापन स्पष्ट नजर आ रहा है । उनके जिन विधायकों को जनता ने अपनी समस्याओं को सदन में उठाए लिए चुना, राज्य की विकास नीति निर्धारण में स्वास्थ्य चर्चा के लिए चुना है, लेखन वे विधानसभा के अंदर भी राजनीति ही करते रहे । वहीं उनके जिन नेताओं को जनता ने चुनाव में नकारा, वे गैरसैंण की सड़कों पर नकली विधायक मंत्री बनकर स्वांग रचते रहे । प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी का यह दोहरा चरित्र एक बार फिर देखा है कि वे किस तरह संवैधानिक परंपराओं का सदन में और सड़क दोनों जगह अपमान करते हैं । बाहर सड़कों पर और मीडिया के सामने कांग्रेस के नेता गैरसैंण की बात कर जनता की सहानुभूति लेनें की कोशिश करते हैं वहीं देहरादून में सत्र के लिए चिट्ठी भी लिखते हैं और सदन के अंदर देहरादून की स्थाई राजधानी बनाने की मांग भी करते हैं इनके विधायक ।

 

उन्होंने सत्र का समय कम करने के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, जब विपक्ष को सदन के दौरान मुद्दे उठाने को कहा जाता है तब वह मीडिया का ध्यान खींचने के लिए हंगामा करते हैं और वॉकआउट करते हैं । लेकिन जब सत्र खत्म हो जाता है तो उसके बाद बेबुनियादी आरोप लगाने का काम शुरू कर देते हैं। कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं है और न ही उनका जन सरोकारों से वास्ता है । यही वजह है कि उनका मकसद सदन और सड़क दोनों जगह हंगामा खड़ा करना ही रहता है ।

 

 

 

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