KNEWSDESK- लोकसभा चुनाव का ऐलान हो गया है। सारी पार्टियां गठबंधन के घटक दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर बातचीत कर रहीं हैं। अगर बिहार में महागठबंधन की बात करें तो बिहार में महागठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा हो गया। इसमें कांग्रेस पार्टी को वो सीटें मिली हैं। जहां पर कांग्रेस को 1984 के बाद से जीत हासिल नहीं हुई है। वहीं कांग्रेस के खाते में बेगूसराय ,और पूर्णिया की सीट भी नहीं आई। इसी को लेकर बीजेपी काग्रेस पर निशाना साध रही है।
आपको बता दें कि पप्पू यादव को पूर्णिया सीट नहीं मिली। उनकी जगह आरजेडी ने पहले ही बीमा भारती को मैदान में उतार दिया था। इसके बाद कन्हैया कुमार की बात करें तो काग्रेस बेगूसराय से उतारना चाहती थी। लेकिन ये सीट सीपीआई के खाते में गई। साथ ही कांग्रेस को अधिकतर सीटें ऐसी मिलीं। जहां पर उसे 1984 से जीत हासिल नहीं हुई। जैसे कि मुजफ्फरपुर की सीट भी कांग्रेस को मिली है। इस सीट से कांग्रेस 1984 से जीत नहीं मिली है। इसके साथ ही आरजेडी को वो भी सीटें मिल गईं। पप्पू यादव की पत्नी चुनाव लड़ीं थी। इसमें सुपौल , पूर्णिया मधेपुरा की सीट शामिल हैं। ऐसा कहा जा रहा है सीट बंटवारे में कांग्रेस की नहीं चली।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने राजद के आगे समर्पण कर दिया लालू यादव पहले से ही सिंबल बांटना शुरू कर दिया और कांग्रेस देखती रही। कांग्रेस बड़ी पार्टी है और राजद और राजद क्षेत्रीय दल लेकिन आरजेडी के आगे उनकी एक नहीं चली।
17 सीटें कांग्रेस को
कांग्रेस किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, पटना साहिब, सासाराम, महाराजगंज और समस्तीपुर की सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राष्ट्रीय जनता दल के खाते में गया, नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद, बक्सर,पाटलिपुत्र,मुंगेर, जमुई, बांका, बाल्मीकि नगर, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली, सारण सिवान,गोपालगंज, उजियारपुर, दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया और हाजीपुर की सीटें आई हैं।