KNEWS DESK- बिहार के पटना से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जब एक शख्स के परिजनों ने उसे मरा हुआ मान उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। लेकिन जब वह 7 साल बाद वापस घर लौटा तो उन्हें अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ है। बेटे को देखते ही घर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।
आपको बता दें कि आसोपुर गांव के रहने वाले बृजनंदन राय और पियरिया देवी का बेटा 2016 में बिहारी से अचानक से घर से लापता हो गया था। माता-पिता ने अपने बेटे को काफी ढूंढने की कोशिश की लेकिन वो उन्हें कहीं नहीं मिला था। उसके बाद परिवार वालों ने अंधविश्वास में आकर हिन्दू रीति- रिवाज के अनुसार उसका पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया था लेकिन 7 साल के बाद इनके परिवार की खुशिया फिर से लौट आई है। जब उनका बेटा बिहारी राय दिल्ली की एक संस्था और लखनीबीघा पंचायत के मुखिया शत्रुघ्न के द्वारा वापस घर लौट आया है। बिहारी के घर वापस लौटते ही पिता और माता की आंखों में बेटे की लौटने के खुशी साफ झलकने लगी है। उन्होंने उसे देखते ही सीने से लगा दिया है। पिता बृजनंदन राय का कहना है कि बेटे के लापता होने के बाद उन्हें कई बार सपनें में दिखता था। सपने में एक बार बेटे ने खुद कहा था कि हम जिंदा है। जिसके बाद उन्होंने ओझा को ये बात बताई थी। ओझा ने कहा है कि तुम्हारे बेटे की मौत हो गई है। अब उसकी आत्मा तुम्हें परेशान कर रही है। इसे भगाना होगा जिसके लिए एक पुतले को ही तुम्हें अपना बेटा मानकर उसका अंतिम संस्कार करना होगा। पिता भी ओझा की बातों में आ गए और उन्होंने एक पुतला बनाकर उसे अपना बेटा मान कर और हिंदू-रीति रिवाज के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कर दिया था।
7 साल बाद बिहारी लौटा घर
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले गांव के मुखिया के पास फोन पर दिल्ली की एक संस्था ने फोन कर के बताया कि बिहारी जिन्दा है और फोटो भी भेजी। बिहारी की पहचान करने के बाद मुखिया ने उसके परिजनों को इसकी जानकारी दी। जब 7 साल बाद बिहारी वापस घर लौटा तो परिवार की खुशियां भी उसके साथ वापस लौट आईं है। बिहारी मानसिक रूप से अस्वस्थ है। इसी के कारण उसे खुद भी नहीं पता कि वह कैसे और कब घर से निकल गया था ।