KNEWS DESK, बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन आज था। जिसमें स्मार्ट मीटर के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ और विपक्ष ने भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
बिहार विधानसभा में शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर विपक्षी सदस्यों के स्मार्ट मीटर यानी प्रीपेड बिजली मीटर वापस लेने की मांग को लेकर आसन के समक्ष आ जाने के कारण कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद भी गतिरोध जारी रहा। वहीं सदन के बाहर विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष नंद किशोर यादव सदन को चलाने के लिए सिर्फ 10 मिनट के स्थगन से काम चला सकते थे लेकिन उन्होंने सरकार को बचाने के लिए कार्यवाही को भोजनावकाश के बाद तक स्थगित करने का विकल्प चुना।
आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि स्मार्ट मीटर गरीबों की जेब खाली करने का तरीका है। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि आखिर कितना घोटाला हुआ और स्मार्ट मीटर घोटाले में किन लोगों का हाथ हैं। वहीं सीपीआई (एमएल) के नेता महबूब आलम ने स्मार्ट मीटर को खून चूसक मीटर बताया। उन्होंने आरोप लगाया की अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने की पॉलिसी अपनाई।