KNEWS DESK- पूरे देश में इस समय नीट- यूजी पेपर लीक को लेकर विवाद चल रहा है। छात्र और विपक्षी दल पेपर लीक को लेकर देश भर में प्रर्दशन कर रहे हैं, लेकिन नीट पेपर लीक को लेकर बिहार में भूचाल मचा हुआ है। आरजेडी और बीजेपी आमने- सामने आ गए हैं। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के गंभीर आरोप के बाद अब तेजस्वी यादव ताबड़तोड़ पलटवार कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से बिहार सरकार को चुनौती दे डाली है।
प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पेपर लीक विरोधी कानून लाने पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर जांच एजेंसियां निष्पक्ष जांच नहीं करती हैं तो वे आरोपी संजीव मुखिया की तस्वीरें सार्वजनिक करेंगे। तेजस्वी यादव ने सरकार से आरोपी संजीव मुखिया, नीतीश कुमार और अमित आनंद के खिलाफ जांच करने की अपील की।
तेजस्वी यादव ने कहा कि पेपर लीक का सरगना संजीव मुखिया है। मैं जांच एजेंसियों से संजीव मुखिया की जांच करने की अपील करता हूं। मैं सरकार से भी संजीव मुखिया, नीतीश कुमार और अमित आनंद के खिलाफ जांच करने की अपील करता हूं। हमारे पास नेताओं के साथ संजीव मुखिया की तस्वीरें हैं, हमें उन्हें सार्वजनिक करना होगा। इसलिए बेहतर है कि जांच एजेंसियां मामले की निष्पक्ष जांच करें और ये मामले कभी छिप नहीं सकते।
तेजस्वी यादव ने कहा कि भले ही राजनीतिक नेता मामले से ध्यान भटकाना चाहते हों, लेकिन वे सच्चाई सामने लाएंगे। जिन लोगों ने पेपर लीक होने की बात को स्वीकार नहीं किया, उनके खिलाफ भी कानून बनाया जाना चाहिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को मंजूरी दिए जाने के लगभग चार महीने बाद कार्मिक मंत्रालय ने बीते शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि कानून के प्रावधान 21 जून से लागू होंगे।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस अधिनियम का उद्देश्य संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों को रोकना है।
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