डिजिटल डेस्क- जनशक्ति जनता दल के आंतरिक विवाद ने अब खुले आम आरोप-प्रत्यारोप का रूप ले लिया है। पार्टी के नेता तेज प्रताप यादव और पूर्व प्रवक्ता एवं माधव सेवा के अध्यक्ष संतोष रेणु यादव के बीच राजनीतिक और व्यक्तिगत मतभेद अब कानूनी जंग का रूप ले चुके हैं। मामला तब और गंभीर हो गया, जब तेज प्रताप यादव ने सचिवालय थाना में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उन्हें धमकी दी गई और रंगदारी मांगी गई। साथ ही तेज प्रताप ने कहा कि उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है, इसलिए उन्होंने इस संबंध में कानूनी कार्रवाई की मांग की है। तेज प्रताप यादव ने अपनी शिकायत में कहा कि पार्टी के आंतरिक मतभेद और उनके राजनीतिक फैसलों को लेकर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ गलत बयानबाजी और भड़काऊ गतिविधियां की जा रही हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच रही है। तेज प्रताप ने पुलिस से आग्रह किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा मुहैया कराई जाए और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
संतोष रेणु ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को किया खारिज
वहीं, संतोष रेणु यादव ने तेज प्रताप यादव द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। संतोष रेणु ने बेउर थाना पहुंचकर लिखित शिकायत दी और पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेद और पार्टी की कार्यप्रणाली को लेकर उनके विरोध को झूठे आरोपों और बदनाम करने की कोशिश के रूप में पेश किया जा रहा है। संतोष रेणु का कहना है कि उनकी और उनके परिवार की जान को खतरा है और उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने पुलिस से निष्पक्ष जांच करने और उचित सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। मामले ने स्थानीय राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। पार्टी के भीतर इस विवाद ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि आंतरिक मतभेद किस हद तक बढ़ सकते हैं और किस तरह से राजनीतिक प्रभाव का उपयोग व्यक्तिगत रंजिश के लिए किया जा रहा है। पार्टी समर्थकों और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे मामलों से जनता के बीच पार्टी की छवि प्रभावित होती है और भविष्य में संगठनात्मक गतिशीलता पर भी असर पड़ सकता है।
दोनों नेताओं की शिकायत की जांच में जुटी पुलिस
इस मामले में पुलिस भी सक्रिय नजर आ रही है। सिटी एसपी (पश्चिमी) भानू प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों से लिखित शिकायत प्राप्त हुई है और मामले की जांच तेजी से की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और किसी भी आरोप को हल्के में नहीं लिया जाएगा। फिलहाल, बेउर थाना में मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के विवाद अक्सर पार्टी की आंतरिक कमजोरियों को उजागर करते हैं। यदि समय रहते मामले को सुलझा लिया जाए, तो संगठन और नेताओं की छवि को नुकसान नहीं होगा। वहीं, यदि विवाद लंबित रहता है, तो यह चुनावी और संगठनात्मक स्तर पर गंभीर चुनौती पेश कर सकता है।