डिजिटल डेस्क- बिहार की राजनीति में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को लेकर हलचल तेज हो गई है। जनता दल (यूनाइटेड) के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने निशांत कुमार के सक्रिय राजनीति में आने की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। राजधानी पटना के गर्दनीबाग इलाके में रविवार को जेडीयू कार्यकर्ताओं के एक समूह ने 12 घंटे की भूख हड़ताल कर पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने की कोशिश की। सुबह से ही कार्यकर्ता गर्दनीबाग में इकट्ठा होने लगे और “निशांत कुमार राजनीति में आओ” जैसे नारे लगाकर अपनी मांग दोहराते रहे। भूख हड़ताल कर रहे नेताओं का कहना है कि निशांत कुमार पढ़े-लिखे, योग्य और साफ छवि वाले व्यक्ति हैं। अगर वे राजनीति में आते हैं, तो जेडीयू को नई दिशा और मजबूती मिलेगी।
भूख हड़ताल का अगला चरण 24 घंटे का होगा
कार्यकर्ताओं का दावा है कि पार्टी के भीतर लंबे समय से यह चर्चा चल रही है कि अब नेतृत्व की जिम्मेदारी नई पीढ़ी को सौंपी जानी चाहिए। उनके मुताबिक, निशांत कुमार इस जिम्मेदारी के लिए सबसे उपयुक्त चेहरा हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि निशांत के नेतृत्व में न केवल पार्टी मजबूत होगी, बल्कि भविष्य में बिहार की कमान भी वह संभाल सकते हैं। भूख हड़ताल पर बैठे नेताओं ने साफ चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। कार्यकर्ताओं के अनुसार, अगला चरण 24 घंटे की भूख हड़ताल का होगा, जो पटना के जेपी गोलंबर पर जेपी की प्रतिमा के नीचे आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन मांग से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
निशांत कुमार अभी तक राजनीति से बनाए हुए हैं दूरी
इस दौरान जेडीयू कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भावनात्मक अपील भी की। उन्होंने नीतीश कुमार को पार्टी और बिहार का अभिभावक बताते हुए कहा कि राज्य और संगठन के भविष्य को देखते हुए निशांत कुमार को राजनीति में आने की अनुमति दी जानी चाहिए। हालांकि, निशांत कुमार खुद अब तक राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं और सार्वजनिक मंचों से भी उन्होंने इस विषय पर कोई बयान नहीं दिया है। बावजूद इसके, पार्टी के अंदर इस मांग के जोर पकड़ने से साफ है कि जेडीयू में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चा तेज होती जा रही है।