डिजिटल डेस्क- बिहार में विधानसभा चुनाव के करीब आते ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जहां कुछ दिनों पूर्व सांसद राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की तरह धांधली करने का आरोप लगाया था, वहीं आज तेजस्वी यादव ने चुनाव से पूर्व तैयार होने वाली वोटर लिस्ट पर धांधली करने का आरोप चुनाव आयोग पर लगाया है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग वोटर लिस्ट से बिहार के 8 करोड़ से ज्यादा लोगों को बाहर करने की तैयारी में है। तेजस्वी यादव के इस आरोप के बाद बिहार की राजनीति में गरमी बढ़ गयी है।
वोट का राज मतलब छोट का राज
तेजस्वी यादव ने कहा कि, लालू जी हमेशा कहते रहे हैं वोट का राज मतलब छोट का राज’ समाज के अंतिम मैदान पर खड़े लोगों के अधिकार को यह सरकार छीनने का प्रयास कर रही है। इस तरीके का काम में साजिश की बू आ रही है। मानसून का समय है बिहार का 73% भूभाग बाढ़ से प्रभावित रहता है. बाढ़ के समय में लोग अपना जान बचाएगा या अपना कागजात लेकर निर्वाचन आयोग के पास जाएगा।
समाज को दिग्भ्रमित करने का काम किया- भाजपा
तेजस्वी यादव के हमलावर होते ही बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि बंदूक के लाइसेंस का सत्यापन होता है। लेकिन, मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि तेजस्वी यादव के शासन में अपराधियों को धड़ल्ले से बंदूक बांटी गई। ऐसा करके इन लोगों ने समाज को दिगभ्रमित करने का काम किया है। लेकिन, हमारे शासनकाल में ऐसा नहीं होता है। हर चीज का सत्यापन होता है। वहीं, जनप्रतिनिधियों को एक सीमा तक ही छूट दी गई है। उन्होंने तेजप्रताप यादव के जनता दरबार लगाने के कदम पर भी तंज कसा। कहा कि जिन्हें अपने परिवार के दरबार से ही बाहर कर दिया गया है, वो भला जनता दरबार क्या ही लगाएंगे।
फर्जी वोटरों के जरिए जीतना चाहती है भाजपा
उन्होंने आगे कहा कि जो राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं, उनसे मैं यही पूछना चाहूंगा कि क्या आप लोग फर्जी मतदाताओं के सहारे सत्ता हासिल करना चाहते हैं? फर्जी मतदाताओं को तो रोका जाएगा। इसके अलावा, जो राजनीतिक दल फर्जीवाड़ा कर रहे हैं, उन्हें भी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे तत्वों को एक स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।