पति से झगड़कर महिला ने चार मासूमों को खिलाया जहर, फिर खुद भी खा लिया, महिला समेत तीन बच्चों की मौत

औरंगाबाद-  बिहार के औरंगाबाद के गोह प्रखंड अंतर्गत एक दर्दनाक और हृदयविदारक घटना सामने आई है जिसने पूरे बिहार को हैरान कर दिया है। झिकटिया गांव की रहने वाली 40 वर्षीय सोनिया देवी ने अपने चार मासूम बच्चों को ज़हर खिलाकर खुद भी ज़हर खा लिया। इस घटना में महिला व उसकी तीन बच्चियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि महिला  उसका बेटा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हुए। इलाज के दौरान महिला ने भी दम तोड़ दिया, जबकि बेटे की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। मृतकों में मां सोनिया देवी,  5 साल की सूर्यमणि कुमारी, 3 साल की राधा कुमारी, 1 साल की शिवानी शामिल हैं. 6 साल के रितेश कुमार की हालत खराब है और उसका इलाज चल रहा है।

पति से विवाद बना मौत का कारण

जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात को सोनिया देवी और उनके पति रवि बिंद के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इसी विवाद से आक्रोशित होकर महिला ने बुधवार सुबह अपने चारों बच्चों को साथ लिया और रफीगंज स्टेशन पहुंच गई। वहीं पर उसने सभी बच्चों को ज़हर दिया और स्वयं भी जहरीला पदार्थ निगल लिया।

आरपीएफ ने पहुंचाया अस्पताल

इस संबंध में आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि जवानों द्वारा सूचना मिली कि डाउन प्लेटफार्म पर एक महिला सहित चार बच्चे छटपटा रहे हैं। इसके बाद आरपीएफ जवान एवं स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रफीगंज में भर्ती कराया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान 5 वर्षीय सूर्यमणि कुमारी, 3 वर्षीय राधा कुमारी, 1 वर्षीय शिवानी कुमारी की मौत हो गई। 6 वर्षीय रितेश कुमार एवं मां 40 वर्षीय सोनिया देवी को प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद रेफर कर दिया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि जहरीला पदार्थ मां ने खुद खाकर चारों बच्चों को खिलाया, जिसमें तीन बच्चे की मौत इलाज के दौरान हो गई एवं एक पुत्र रितेश कुमार एवं सोनिया देवी की स्थिति नाजुक देखते हुए सदर अस्पताल औरंगाबाद रेफर कर दिया गया है।

पुलिस ने शुरू की जांच

घटना की गंभीरता को देखते हुए रफीगंज थानाध्यक्ष शंभू कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर राम सुमेर और एसआई इंदल कुमार तत्काल अस्पताल पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। तीनों बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि जवानों को जैसे ही स्टेशन पर महिला और बच्चों की हालत की जानकारी मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे और सभी को अस्पताल पहुंचाया।