डिजिटल डेस्क- बिहार के डिप्टी मुख्यमंत्री और गृह विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने एक बार फिर कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की ज़ब्त संपत्ति में स्कूल खोला जाएगा। उनके इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में नया बवाल खड़ा हो गया है। शनिवार को मीडिया से बातचीत में सम्राट चौधरी ने साफ कहा कि यह कोई राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि न्यायालय के पहले से दिए गए आदेश के तहत की जाने वाली कार्रवाई है। सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन में यह स्पष्ट नीति रही है कि जो भी आर्थिक अपराध करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, “यह फैसला सरकार का नहीं, बल्कि अदालत का है। चारा घोटाले के सभी अभियुक्तों पर कानून के अनुसार कार्रवाई होगी और जिन संपत्तियों को ज़ब्त किया गया है, उनका उपयोग जनहित में किया जाएगा।” उन्होंने दोहराया कि सरकार का उद्देश्य बदले की राजनीति नहीं, बल्कि जनता के हित में काम करना है।
अपराधियों को जेल जाना ही होगा- सम्राट चौधरी
इससे पहले शुक्रवार को राजधानी पटना में एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम के दौरान भी सम्राट चौधरी ने कहा था कि लालू यादव की ज़ब्त संपत्ति पर सरकार स्कूल खोलेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि अपराध करने वालों को जेल जाना ही होगा और कानून से कोई ऊपर नहीं है। उनके इस बयान के बाद एनडीए और महागठबंधन के बीच सियासी घमासान तेज हो गया था। सम्राट चौधरी के बयान को लेकर जेडीयू ने भी उनका समर्थन किया है। जेडीयू नेताओं का कहना है कि अदालत के आदेश के तहत ज़ब्त संपत्तियों का उपयोग जनकल्याण के लिए होना चाहिए।
लालू यादव किसी प्रतिशोध की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं- राजद
वहीं राजद और लालू यादव के समर्थकों ने इस कदम को बदले की भावना से प्रेरित बताया है। राजद प्रवक्ता जय तिवारी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले सरकार मौजूदा सरकारी स्कूलों की हालत सुधारे। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव किसी भी तरह की राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं। उनके मुताबिक, यह पूरा मामला सिर्फ राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश है।