भाई हो या भाईजान, मूल निवासी को मिलेगा स्थान !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य में बेरोजगारी के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। उत्तराखंड में बेरोजगारी का आलम ये है कि सरकार को कई ऐसे फैसले लेने पड़ रहे हैं जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके। पिछले वर्ष हुई इंवेस्टर्स समिट से भी बहुत बड़ा परिवर्तन इस दिशा में नहीं आया। जिसके बाद सरकार पर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसको देखते हुए भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से बाहरी प्रदेशों के लोगों के राज्य में फेरी-ठेली लगाए जाने पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होने कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द ही पत्र लिखेंगे। उनका कहना है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बाहरी लोगों की ओर से फेरी-ठेली लगाए जाने से राज्य के निवासियों का रोजगार छिन रहा है। जिसकी वजह से बेरोजगारी बढ़ रही है। इस दौरान उन्होने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उस फैसले का भी स्वागत किया है। जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर हर कारोबारी की पहचान सार्वजनिक रखने की व्यवस्था की गई है। आदित्य कोठारी का कहना है कि मुख्यमंत्री के इस फैसले से प्रदेश के स्थानीय व्यापारियों को व्यापार में भी लाभ होगा…वहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस फैसले और भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी की इस मांग को संविधान के विरूद्ध बताया है कांग्रेस का कहना है कि एक ओर जहां इंवेस्टर्स समिट कर बाहरी निवेशकों को मुख्यमंत्री राज्य में आमंत्रित कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता बाहरी लोगों पर फेरी-ठेली लगाने पर प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं। सवाल ये है कि क्या बाहरी प्रदेशों के लोगों के राज्य में फेरी-ठेली लगाए जाने पर रोक से प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिल जाएगा.

 

22 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के लिए धामी सरकार ने सभी तैयारी पूरी कर ली है। सरकार को उम्मीद है कि इस वर्ष करोड़ों की संख्या में कांवडिये पहुंचेंगे इसको देखते हुए चाक चौबंद व्यस्था के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। इसके साथ ही कांवड़ यात्रा मार्ग पर हर कारोबारी की पहचान सार्वजनिक रखने की व्यवस्था को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सही फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि उनका यह फैसला किसी को नुकसान पहुंचाने या टारगेट करने का नहीं है। लोग नाम बदलकर काम करते हैं और उससे कई बार विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। यह आदेश कानून व्यवस्था के लिहाज से दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री के इस फैसले को विपक्ष ने संविधान के विरूद्ध बताया है

आपको बता दें कि सत्तापक्ष ने मुख्यमंत्री के इस फैसले की जमकर सराहना कि है। इसके साथ ही भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से बाहरी प्रदेशों के लोगों के राज्य में फेरी-ठेली लगाए जाने पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होने कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द ही पत्र लिखेंगे। उनका कहना है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बाहरी लोगों की ओर से फेरी-ठेली लगाए जाने से राज्य के निवासियों का रोजगार छिन रहा है। ऐसे में बाहरी प्रदेशों के लोगों पर रोक लगाई जानी चाहिए। इस दौरान उन्होने उत्तराखंड के ही निवासियों को फेरी-ठेली लगाए जाने का लाईसेंस दिये जाने की मांग की है…वहीं आदित्य कोठारी की इस मांग पर जमकर बवाल देखने को मिल रहा है

 कुल मिलाकर राज्य में बढ़ती बेरोजगारी के साथ ही कारोबारी की पहचान सार्वजनिक रखने की व्यवस्था और बाहरी लोगों के फेरी-ठेली लगाए जाने पर रोक लगाने की मांग पर बवाल छिड़ गया है। देखना होगा इस मुद्दे पर मचा बवाल कब शांत होगा

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