जीत की जंग ,चुनावी रण

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव के लिए नॉमिनेशन हो चुके हैं अब स्क्रूटनी का कार्य भी पूरा हो गया है आपको बता दें कि 23 जनवरी को निकाय चुनाव के लिए मतदान होगा साथ ही25 जनवरी निकाय चुनाव का रिजल्ट भी घोषित कर दिया जाएगा अब ऐसे में राज्य के 5 बड़े नगर निगम देहरादून, हल्द्वानी ,हरिद्वार, काशीपुर और श्रीनगर में चुनाव गणित बेहद दिलचस्प देखने को मिल सकता है आपको बता दें कि उत्तराखंड के 100 नगर निकायों में चुनाव मैदान में अब तक 5399 प्रत्याशी अपनी किस्मत का फैसला आजमाएंगे, जिसमें 47 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं जबकि 782 ने अपने नामकरण वापस ले लिए हैं बृहस्पतिवार को प्रदेश भर में निकाय चुनाव नामांकन करने वालों को नाम वापसी का मौका भी दिया गया जिसमें मेयर के लिए 25 ,नगर पालिका अध्यक्ष के लिए 51 और नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए 58 प्रत्याशियों ने चुनावी मैदान से वापसी कर ली है ,वही नगर पार्षद के लिए 217 पालिका सदस्य के लिए 218 और पंचायत सदस्य के लिए 214 प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस लिए है राज्य के एक नगर पालिका और दो नगर पंचायत के अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं वही नगर निगमों के 14 पार्षद नगर पालिका के 20 वार्ड सदस्य और नगर पंचायतो के 10 वार्ड सदस्यों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है वही इस चुनावी दंगल में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी लगातार जारी है कांग्रेस के कई निकायों में नामकरण रदद् करने के खिलाफ अब कांग्रेस पार्टी कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है जांच में कई नामांकन रद्द होने से कांग्रेस के कई प्रत्याशियों की चुनाव लड़ने से पहले ही उम्मीद की नाव डूब गई है अब पार्टी उन चेहरों पर दांव लगाने की जुगत में है जिन्होंने निर्दलीय पर्चा भरा है और भाजपा को तगड़ी चुनौती दे रहे हैं वहीं भाजपा का मानना है कि उनकी एक तरफा जीत जनता की तरफ से पहले से ही घोषित है हालांकि दिक्कतें भाजपा में भी कम नहीं क्योंकि बागीयो के चलते भाजपा को भी इस चुनावी दंगल में बड़ी पचुनौती मिल सकती है इसलिए भाजपा ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए अपनी रणनीति पहले से ही तय कर रखी है बहरहाल देखना होगा कि चुनावी दंगल में तमाम पार्टियों की जुगलबंदी के साथ-साथ कई निर्दलीय बड़ी संख्या में बाजी ना मार जाए और इसी वजह से दोनों पार्टियों की निगाह अपने प्रत्याशियों से ज्यादा निर्दलीयों के ऊपर टिकी हुई है

उत्तराखंड चुनाव के इस दंगल में भाजपा का मानना है कि वो पहले से ही अपनी तैयारी करके बैठी है तो वहीं अब भाजपा के सुर भी फुल कॉन्फिडेंस में नजर आ रहे हैं भाजपा का मानना है कि हम लोगों की तैयारी पहले से ही दुरुस्त है तैयारी की जरूरत सिर्फ विपक्षी दलों को है जो चुनाव से दो दिन पहले अपनी जीत का दावा करते है झूठे आरोपों को लगा कर जनता को गुमराह कर रहे है वहीं कांग्रेस लगातार भाजपा पर चुनाव में सिस्टम का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रही है कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि भाजपा ध्रुवीकरण की राजनीति कर सत्ता और पावर का गलत प्रयोग कर रही है जिसके खिलाफ अब कांग्रेस हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है

एक तरफ जिनको पार्टी से टिकट नहीं मिला वो बाग़ी निर्दलीय इस चुनावी अखाड़े में उतरे है जिन पर राजनीतिक पार्टियों ने जीत का दांव खेला है वही मैदान में उतरे है  सभी दलों के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं और पूर्व में रहे कामों की आलोचना करते हुए नए विकास के आयाम और जनता की बातों को प्राथमिकता से लेते हुए कार्य करने का वादा कर रहे हैं

कुल मिलाकर उत्तराखंड में निकाय चुनाव का बिगुल बज गया है…राज्य में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे सेमिफाईनल के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं सत्ताधारी दल यानि की भाजपा हाल ही में हुए केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत से काफी उत्साहित दिख रही है। हालांकि कांग्रेस भी जीत को लेकर काफी आश्वस्त दिख रही है। ऐसे में सवाल ये है कि केदारनाथ में मिली हार के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ता निकाय चुनाव के लिए कितने तैयार है.क्या वाकई ही कांग्रेस निकायों में रद्द हुए प्रत्याशी के नामांकन के मामले को लेकर कोर्ट जायेगी साथ ही अब देखना होगा 25 जनवरी को निकाय चुनाव के क्या कुछ परिणाम सामने आते हैं

 

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.