रिपोर्ट- मो0 रज़ी सिद्दीकी
उत्तर प्रदेश- बाराबंकी में एक दंपति एक लावारिस बच्चे को अपनाना चाहता है लेकिन सीडब्ल्यूसी बिना SAA में रजिस्ट्रेशन के उस बच्चे को उनके हवाले नहीं कर रहे| सीडब्ल्यूसी का कहना है कि यह बच्चा उनकी कस्टडी में है और रजिस्ट्रेशन के बाद ही उन्हें सौंपा जा सकता है। वहीं दंपति का कहना है कि वह लोग नि:संतान हैं| उन्हें बच्चा मिल जाएगा तो वह उसे अच्छे से पाल लेंगे| ऐसे में देखने वाली बात होगी कि यह बच्चा इन्हें कैसे मिलता है|
दरअसल, बाराबंकी जिले में सफदरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत अम्बौर के दंपति को एक लावारिस नवजात बच्चा मिला था, जिसे उन्होंने अपने पास रख लिया था लेकिन जब बाल कल्याण समिति को इसकी भनक लगी तो उन्होंने उसे अस्पताल में भर्ती कराया| अब आलम यह है कि दंपति उस बच्चे को गोद लेना चाहता है| दंपति जिलाधिकारी समेत तमाम लोगों से इसके लिये गुहार भी लगा रहा है लेकिन सीडब्ल्यूसी उन्हें वह बच्चा नहीं दे रही|
महिला मधू ने बताया कि उनके पति को यह नवजात बच्चा जमीन पर पड़ा मिला था, जिसके काफी चीटियां लपटी थीं, जिसके बाद उनके पति बच्चे को अपने साथ घर ले आए लेकिन करीब 15 दिनों के बाद पुलिस और एनजीओ बच्चे को जिला अस्पताल लेकर आ गये। अब यह लोग बच्चा देने से मना कर रहे हैं| महिला के पति मनीष के मुताबिक, उन्होंने जिलाधिकारी को भी इसके लिये एक प्रार्थना पत्र दिया है लेकिन फिर भी उन्हें बच्चा नहीं दिया जा रहा| वह लोग नि:संतान हैं| उन्हें बच्चा मिल जाएगा तो वह उसे अच्छे से पाल लेंगे|
वहीं बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष बाला चतुर्वेदी ने बताया कि ऐसे बच्चे को पहले इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया जाता है| 60 दिन तक अगर उस बच्चे के असली मां-बाप नहीं आते तो हम बच्चे को SAA के पास भेज देते हैं| ऐसे में वह इस दंपति से कहना चाहती हैं कि वह कारा में रजिस्ट्रेशन करा लें, फिर इस बच्चे को गोद लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी|