रिपोर्ट–पंकज त्रिपाठी
बांदा। बांदा जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां पर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पुलिस की लापरवाही के चलते एक युवक का शव 12 दिनों तक सड़ता रहा है। पुलिस को कई बार जिला अस्पताल प्रशासन द्वारा सूचना दी गई लेकिन बेहद ही संवेदनहीनता दिखाते हुए मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया और मृतक का शव 12 दिनों तक सड़ता रहा। हालांकि मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस अधीक्षक ने मामले को संज्ञान में लिया है और दो हेड कांस्टेबलों को सस्पेंड कर दिया गया है।
दरअसल आपको बता दे की नरैनी कस्बे में सड़क किनारे एक 30 वर्षीय युवक लावारिस हालत में पड़ा हुआ 18 अगस्त को मिला था। जो की एक गंभीर बीमारी से ग्रस्त था। स्थानीय लोगों ने मृतक युवक की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी। पुलिस कर्मियों द्वारा इलाज के लिए युवक को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर चिकित्सकों द्वारा युवक का उपचार किया गया। इलाज के दौरान 19 अगस्त को युवक की मौत हो गई। चिकित्सकों द्वारा मृतक के शव को जिला अस्पताल की मर्च्युरी में रखवा दिया गया और पुलिस को सूचना दे दी गई। शहर कोतवाली पुलिस को सूचना जरूर दी गई लेकिन पुलिस ने इस मामले का संज्ञान नहीं लिया। शव मर्च्युरी में ही बिना फ्रीजर पंचायतनामा भरने के लिए रखा रहा। कई दिनों तक शव ऐसे ही मर्चरी में रखा रहा और शव की दुर्गति होती रही। अस्पताल प्रबंधन को जब यह जानकारी हुई की शव का अभी तक पंचनामा नहीं करवाया गया है और ना ही अभी तक शव का पोस्टमार्टम हुआ है उसके बाद 29 जुलाई को एक बार फिर अस्पताल प्रबंधन द्वारा पुलिस को सूचना दी गई तब 31 अगस्त को जा करके शव का पोस्टमार्टम हुआ। लेकिन शव की इतनी दुर्गति हो चुकी थी कि शव को कीड़े खा रहे थे, खुले में पड़े होने की वजह से शव बुरी तरह से दुर्गंध देने लगा था और शव की पूरी तरह से दुर्गति हो चुकी थी, इतना ही नहीं शव के पोस्टमार्टम में मौत के कारण तक पता नहीं चल पाया है।
♦पुलिस की लापरवाही आई सामने
♦12 दिनों तक पोस्टमार्टम हाउस में सड़ता रहा युवक का शव
♦दो पुलिसकर्मी निलंबित@bandapolice pic.twitter.com/TiCvI0zJS2
— Knews (@Knewsindia) September 3, 2023
जानकारी के लिए बता दें कि इस पूरे मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्रा ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक व्यक्ति गंभीर हालत में मिला था। इलाज के लिए सीएचसी से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसकी सूचना दी गई थी। हेड कांस्टेबल द्वारा मेमो अपने पास रख लिया गया और जानकारी नहीं दी गई। पोस्टमार्टम 72 घंटे बाद होना था क्योंकि शव की शिनाख्त नहीं हुई थी। लापरवाही बरतने वाले दो कांस्टेबलों को निलंबित किया गया है। आगे की जांच की जा रही है जो भी तथ्य निकाल कर आएंगे उसके अनुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी।