KNEWS DESK – बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद नगर पंचायत बदरीनाथ ने स्वच्छता अभियान को और भी गहरा कर दिया। इस दो दिवसीय अभियान के दौरान पंचायत ने 50 पर्यावरण मित्रों की तैनाती की और विभिन्न स्थानों से डेढ़ टन अजैविक कचरे का संग्रहण किया। यह अभियान मंदिर परिसर, ब्रह्म कपाल, आस्था पथ, तप्त कुंड, मुख्य बाजार और माणा गांव तक चला।
स्वच्छता अभियान से आय की वृद्धि
आपको बता दें कि नगर पंचायत ने स्वच्छता अभियान के दौरान न केवल धाम को स्वच्छ किया, बल्कि इससे आय भी अर्जित की। यात्रा काल के दौरान कुल 180.70 टन कूड़ा एकत्रित किया गया था, जिसमें से 110.97 टन कचरे का विपणन करके आठ लाख रुपये की आय हुई। यह आय स्वच्छता अभियान के परिणामस्वरूप हुई, जो धाम की सफाई और पर्यावरण को संरक्षित रखने में सहायक है।
आर्थिक आय के अन्य स्रोत
स्वच्छता अभियान से अतिरिक्त आय के स्रोत भी खुले हैं। पंचायत ने माणा पार्किंग से 29.82 लाख रुपये, ईको शुल्क से 1.03 करोड़ रुपये, हेलिकॉप्टर संचालन से 28 लाख रुपये और यूजेज चार्जेज से आठ लाख रुपये की आय प्राप्त की है। इस प्रकार, स्वच्छता अभियान और अन्य आय स्रोतों से नगर पंचायत को कुल मिलाकर महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त हुआ है।
स्वच्छता अभियान का महत्व
बदरीनाथ नगर पंचायत का यह स्वच्छता अभियान न केवल धाम के भव्यता और स्वच्छता को बनाए रखने में सहायक है, बल्कि इससे पर्यावरणीय सुरक्षा और स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है। पर्यावरण मित्रों द्वारा किया गया कचरा संग्रहण, विभिन्न स्थानों की सफाई और कचरे का सही तरीके से निस्तारण क्षेत्र की साफ-सफाई के प्रति नगर पंचायत की गंभीरता को दर्शाता है।