उत्तराखंड- उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक आफत की बारिश देखने को मिल रही है। आलम ये है कि जैसे- जैसे बरसात तेजी पकड़ रही है वैसे वैसे सरकार की व्यवस्थाओं की पोल खुल रही है। एक तरफ जहां सड़कें नदियों में तब्दील हो गई है। तो दूसरी ओर लोगों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जगह जगह गाड़ियां फंसी दिखाई दे रही है। इसके अलावा राज्य की 170 से ज्यादा सड़कें बंद चल रही है जिन्हें खोलने का कार्य किया जा रहा है। वहीं इस बारिश ने देहरादून स्मार्ट सिटी की भी पोल खोल कर रख दी है।आलम ये है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर जगह जगह सड़कें खोद दी गई है। पानी की निकासी न होने से सड़कें तालाब बन चुकी है। वहीं भारी बारिश के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागों के अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी अधिकारियों को अपने फोन स्विच ऑफ ना करने के भी निर्देश दिए हैं वहीं राज्य में हो रही इस आफत की बारिश पर सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बरसात के लिए कोई तैयारी ना करने का आरोप लगाया है साथ ही स्मार्ट सिटी के तहत खर्च किए गए बजट का श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।
वहीं राज्य में हो रही इस आफत की बारिश पर सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बरसात के लिए कोई तैयारी न करने का आरोप लगाया है साथ ही स्मार्ट सिटी के तहत खर्च किए गए बजट का श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है वहीं बीजेपी विधायक खजानदास ने भी स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधूरे कार्यों को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि बचा हुआ कार्य समय से पूरा करवाएं और जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
कुल मिलाकर मानसून की बारिश ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है। बारिश से ज्यादा लोग सरकार की व्यवस्थाओं से परेशान हो रहे हैं। अब सरकार कार्यों में तेजी लाने की बात कह रही है और अधिकारियों के साथ बैठकें कर जल्द कार्यों के पूरा होने का दावा कर रही है लेकिन सवाल ये है कि आखिर सरकार ने बरसात के लिए क्या तैयारी की है? क्या राज्य की जनता इसी तरह से परेशान होती रहेगी?