बाबा शिवानंद ने करायी थी पत्रकार की हत्या, 4 लाख में तय हुआ था जान लेने का सौदा

DEEPAK GUPTA- बीती आठ मार्च को सीतापुर में हुए समाचार पत्र के पत्रकार की हत्या का खुलासा पुलिस ने 32 दिन बाद किया। सीतापुर पुलिस ने हत्याकांड को अंजाम देने वाले दो अभियुक्त और हत्याकांड की पटकथा लिखने वाले एक अभियुक्त को गिरफ्तार करके हत्याकांड का सफल अनावरण किया।

आपको बताते चलें कि बीती 8 मार्च को लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर दिनदहाड़े पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी (35) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। महोली के विकास नगर कॉलोनी निवासी राघवेंद्र बाजपेयी एक दैनिक समाचार पत्र में महोली तहसील संवाददाता थे। पुलिस ने घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज में कई संदिग्धों को चिन्हित किया था और पुछताछ के लिए हिरासत में लिया था। हिरासत में लिए गए लोगों में कई लेखपाल व राजस्व से जुड़े बड़े अधिकारी भी शामिल थे। सूत्रों के अनुसार घटना में पुलिस की निगाह एक तहसीलदार पर भी थी पर पुलिस ने इस मामले में राजस्व से जुड़े सभी कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ करके छोड़ दिया था। पुलिस ने कई बिंदुओं पर पड़ताल की थी पर किसी में भी पर्याप्त सबूत न मिलने के कारण पुलिस अभी तक इस हत्याकांड में शामिल लोगों का पता नहीं लगा पाई थी। हत्याकांड के 33वें दिन पुलिस ने सफल अनावरण करते हुए साजिशकर्ता समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

ब्लैकमेलिंग के लिए की गई हत्या

पुलिस ने प्रेस वार्ता कर इस घटना में शामिल लोगों और घटना से जुड़ी जानकारी पत्रकारों में साझा की। प्रेस वार्ता में पुलिस ने बताया कि विकास राठौर उर्फ बाबा शिवानंद अपने ही नाबालिक शिष्य के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाता था। जिसकी जानकारी पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेई को हो गई। पत्रकार राघवेन्द्र बाबा की इस करतूत को समाज के सामने लाना चाहता था और बाबा की असलियत सबको बताना चाहता था। बाबा शिवानंद इस बात से पत्रकार से रंजिश मानने लगा था और हत्या का प्लान बनाने लगा था। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए बाबा शिवानंद ने असलम और निर्मल सिंह को 4 लाख रूपये की सुपारी दी थी। असलम और निर्मल सिंह द्वारा पत्रकार की रेकी कर हत्याकांड को अंजाम दिया गया।

हत्यारोपी असलम, निर्मल और बाबा शिवानंद

पूर्व में भी पुलिस ने जताया था बाबा के हत्याकांड में शामिल होने का संदेह

हत्याकांड के बाद जांच कर रही पुलिस ने पूर्व में भी बाबा के हत्याकांड में शामिल होने का संदेह जताया था और इस मामले में पत्रकार के परिजनों से पूछताछ की थी। इस पूछताछ में पत्रकार के परिजनों ने पुलिस का सहयोग देते हुए सारी जानकारी पुलिस को उपलब्ध करवाई थी। हालांकि पत्रकार के परिजनों ने पुलिस पर आरोप भी लगाया था कि किसी बड़े चेहरे को बचाने के लिए पुलिस बाबा पर हत्याकांड का दोष मढ़ना चाहती है।

दिनदहाड़े मारी गई थीं चार गोलियां

महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की 8 मार्च को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हेमपुर ओवरब्रिज पर चार गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। यह वारदात दिनदहाड़े हुई और पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी।

तीन दर्जन से अधिक टीमें जुटी थीं जांच में

एसपी चक्रेश मिश्र के निर्देशन में क्राइम ब्रांच निरीक्षक सत्येंद्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में तीन टीमों को मामले की जांच सौंपी गई थी। वहीं, एएसपी डॉ. प्रवीण रंजन सिंह के नेतृत्व में कुल 12 टीमें जांच में लगी थीं।

तकनीकी जांच से मिला सुराग

34 दिनों की जांच के दौरान पुलिस ने एक हजार से अधिक मोबाइल नंबरों की निगरानी की, करीब 125 संदिग्धों से पूछताछ की और लगभग 250 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इसी के बाद पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले, जिनके आधार पर हत्याकांड की परतें खुलीं।

फरार शूटरों की तलाश जारी

फिलहाल दो शूटरों की गिरफ्तारी बाकी है। उनकी तलाश में नोएडा व आसपास के इलाकों में एसटीएफ की सात और क्राइम ब्रांच की तीन टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।