अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर रिश्वत देने का आरोप लगाया, ACB ने नोटिस भेजा

KNEWS DESK, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनकी पार्टी के नेताओं को 15-15 करोड़ रुपये की पेशकश की और मंत्री पद देने का वादा किया। इस पर दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) ने जांच के आदेश दिए और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने जांच और पूछताछ के लिए पहुंचकर नोटिस जारी किया।

एसीबी ने केजरीवाल को भेजा नोटिस, पांच सवाल किए गए

एसीबी ने अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजकर उनसे पांच सवाल किए हैं। नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की एसीबी आम आदमी पार्टी के विधायकों को रिश्वत देने के आरोपों की जांच कर रही है और केजरीवाल को 7 फरवरी को इन सवालों के जवाब देने के लिए उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया।

एसीबी ने जिन सवालों का जिक्र किया, वे इस प्रकार हैं:

  1. क्या आपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की थी?
  2. उन 16 आम आदमी पार्टी के विधायकों के नाम बताएं, जिन्हें रिश्वत की पेशकश के लिए कॉल आई।
  3. रिश्वत की पेशकश के लिए उन विधायकों से संपर्क करने वाले फोन नंबरों और व्यक्तियों की जानकारी दें।
  4. अपने आरोपों के समर्थन में कोई साक्ष्य प्रस्तुत करें।
  5. मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे दावों को फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए?

एसीबी ने बिना नोटिस के केजरीवाल के घर पर की जांच

इससे पहले, एसीबी की टीम अरविंद केजरीवाल के आवास पर बिना किसी नोटिस के जांच के लिए पहुंची थी। आम आदमी पार्टी के वकील ने कहा कि एसीबी के अधिकारी डेढ़ घंटे पहले बिना नोटिस के उनके घर पहुंचे। जब वकील ने कानूनी तौर पर पूछताछ की अनुमति मांगी, तो उन्हें नोटिस देने में डेढ़ घंटे का समय लगा।

वकील ने एसीबी की कार्रवाई पर उठाए सवाल

वकील ने कहा कि एसीबी ने उन्हें जो नोटिस दिया, उसमें शिकायतकर्ता के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और केवल अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई पोस्ट का जिक्र किया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिना लिखित आदेश के किसी के घर में जांच करने का कोई अधिकार नहीं है और एसीबी ने जांच एजेंसियों को मजाक बना दिया है।

वकील ने कहा, जांच एजेंसियों को मजाक बना दिया गया

वकील ने आगे कहा, “हमने डेढ़ घंटे तक पूछताछ की अनुमति के लिए नोटिस का इंतजार किया, लेकिन एसीबी के पास कोई जवाब नहीं था। यह पूरी घटना दर्शाती है कि एसीबी अधिकारियों को उनके आका ने केजरीवाल के घर भेजा और यह बिना किसी आधिकारिक दस्तावेज के हुआ।”

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