उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार और दायित्व बंटवारे की चर्चाएं तेज हो गई है। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी पुष्टि की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार की दिशा में संगठन स्तर पर काम चल रहा है। इसकी एक प्रक्रिया है, जिसे अपनाया जा रहा है। इसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा। आपको बता दें कि धामी मंत्रिमंडल में चार पद खाली चल रहे हैं। वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि हाईकमान से भी इस संबंध में हरी झंड़ी मिल चुकी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि मंत्रिमंडल के साथ ही जल्द दायित्वों का भी बंटवारा किया जाएगा। इस संबंध में दिल्ली में भी हाईकमान की भी बैठक हो चुकी है। बैठक में तीन दर्जन वरिष्ठ पदाधिकारियों को दायित्व बांटने पर सहमति बनी है। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा…आपको बता दें कि उत्तराखंड में कैबिनेट के चार पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं पिछले वर्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो बार दायित्व का बंटवारा कर चुके हैं। वहीं अब माना जा रहा है कि तीन दर्जन से ज्यादा नेताओं को दायित्व बांटे जा सकते हैं। वहीं कांग्रेस का तर्क है कि भाजपा में एक अनार सौ बीमार की स्थित है। पार्टी के भीतर भारी असंतोष है। इस असंतोष को कम करने के लिए ये बातें कही जा रही है। हकीकत में ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। मौजूदा समय में मुख्यमंत्री खुद अपनी कुर्सी को बचाने की कवायद में लगे हुए हैं। सवाल ये है कि क्या राज्य में कैबिनेट विस्तार और दायित्व बंटवारा होगा या फिर सिर्फ ये एक शिगूफा है..
देवभूमि उत्तराखंड में जल्द कैबिनेट विस्तार और दायित्व बंटवारा हो सकता है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इस बात की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार की दिशा में संगठन स्तर पर कार्य गतिमान है। इसकी एक प्रक्रिया है. जिसे अपनाया जा रहा है। वहीं राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और दायित्वबंटवारे की खबरों ने बीच राज्य के तमाम नेताओं के दिल्ली दौरे भी तेज हो गए हैं। आलम ये है कि कि राज्य के अधिकांश मंत्रियों से प्रधानमंत्री से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है और ये सिलसिला लगातार जारी है…..
आपको बता दे कि राज्य में कैबिनेट के चार पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं पिछले वर्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो बार दायित्व का बंटवारा कर चुके हैं। वहीं अब माना जा रहा है कि जल्द ही तीन दर्जन से ज्यादा नेताओं को दायित्व बांटे जा सकते हैं। वहीं कांग्रेस का तर्क है कि भाजपा में एक अनार सौ बीमार की स्थित है। पार्टी के भीतर भारी असंतोष है। इस असंतोष को कम करने के लिए ये बातें कही जा रही है। हकीकत में ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। मौजूदा समय में मुख्यमंत्री खुद अपनी कुर्सी को बचाने की कोशिशों में लगे हुए हैं.
कुल मिलाकर उत्तराखंड में निकाय और केदारनाथ उपचुनाव से पहले राज्य में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार और दायित्व बंटवारें की चर्चाएं शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री का तर्क है कि संगठन स्तर पर प्रक्रिया गतिमान है. लेकिन कबतक मुख्यमंत्री इस विषय में निर्णय लेंगे इसपर सस्पेंस बरकार है। वहीं नेताओं की धड़कने लगातार गुजरते दिनों के साथ बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि एकाएक नेताओं की दिल्ली दौड़ तेज हो गई है। हांलाकि सूत्रों से खबर आ रही है कि जल्द ही मुख्यमंत्री कैबिनेट विस्तार और दायित्व बंटवारा कर सकते हैं और हाईकमान की भी हरी झंडी मिल चुकी है। ऐसे में देखना होगा कबतक सीएम धामी इस संबंध में निर्णय लेते है