KNEWS DESK- कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप के बाद हुए मर्डर मामले में देशभर में हंगामा जारी है। पश्चिम बंगाल की आंच अब उत्तराखंड भी पहुंच गई है। दरअसल, प्रदेशभर के तमाम डॉक्टर कार्य बहिष्कार पर चले गये हैं… डाक्टरों ने सरकार से सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग की है। वहीं डाक्टरों के इस प्रदर्शन के बीच कोलकाता जैसी घटना उत्तराखंड के उधमसिंहनगर में भी घटित हुई है। जहां 30 जुलाई को गायब हुई नर्स को रेप के बाद मौत के घाट उतार दिया गया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं राज्य में इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है।
दरअसल, कांग्रेस ने प्रदेशभर में इस घटना के विरोध में राज्य सरकार का पुतला दहन किया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा के राज में महिला अपराध की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन भाजपा अपने राज्य को छोड़ गैर भाजपा शासित राज्यों की घटनाओं पर ज्यादा ध्यान दे रही है। उसपर राजनीति कर रही है। वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस से पूछा है कि कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की घटना के खिलाफ क्यों नहीं प्रदर्शन किया। सवाल ये है कि क्या भाजपा-कांग्रेस अपने अपने हिसाब से महिला सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।
एक ओर जहां राज्य में कोलकाता के साथ ही उधमसिंहनगर की घटना को लेकर बवाल मचा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेशभर के डॉक्टर भी कार्य बहिष्कार पर चले गये हैं। उत्तराखंड में सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार पर जाने से मरीजों और तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, वहीं प्रदर्शनकारी डॉक्टर सरकार से सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग कर रहे हैं ताकी कोलकाता जैसी घटना कहीं ओर ना घटित हो|
कुल मिलाकर महिलाओं के लगातार बढ़ रहे अपराध चिंता की बात है। वहीं देवभूमि उत्तराखंड में भी महिला अपराध का बढ़ना बेहद चिंताजनक है। वहीं उधमसिंहनगर की घटना ने एक बार फिर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये हैं। सवाल ये है कि क्या भाजपा-कांग्रेस अपने अपने हिसाब से महिला सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं…क्या सरकार डॉक्टर की मांगों को पूरा कर सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करेगी या नहीं|