Uttarakhand Desk, देवभूमि उत्तराखंड में चुनावी दंगल का बिगुल बज चुका है वही सभी दलों के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत को लेकर आम जन से संपर्क साधे हुए हैं आपको बता दे कि 23 जनवरी को निकाय चुनाव को लेकर मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी वहीं 25 जनवरी को मतगणना होने के पश्चात जीत और हार का समीकरण आम जनता के सामने साफ हो जायेगा वहीं दूसरी ओर सभी दलों के अपनी ही पार्टी से नाराज बागी निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतरे हैं जिसके चलते पार्टी की टेंशन बढ़ चली है यही वजह है कि आप पार्टी ने चिन्हित कर इन बागियों को बगावत करने के खिलाफ 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित भी कर दिया है जिसके चलते तमाम दलों में आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है यही वजह है कि कई पार्टी को इस बात का भी डर सता रहा है कहीं यह निष्कासित प्रत्याशी पार्टी का समीकरण खराब ना कर ले
भाजपा में बगावती सुर के चलते ज्यादा डैमेज ना हो इसलिए डैमेज कंट्रोल में लग गई है उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने साफ कर दिया है कि अगर कोई पार्टी के सिंबल के खिलाफ चुनाव लड़ेगा उनको पार्टी से निष्कासित किया जायेगा और ये ही आखिरी फैसला होगा जिसमें अब तक कई दर्जन बागी नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित भी कर दिया गया है औरो को मनाने में पार्टी लगी है वहीं अन्य विपक्षी दल भी रूठों को मनाने की मुहिम में जुड़ गए है
वहीं चुनावी दंगल में आरोप प्रत्यारोप के चलते तमाम राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आचार संहिता का उल्लंघन करने और सरकार की अपनी मनमानी करने की बात कह रहे हैं भाजपा का मानना है कि कांग्रेस को हार का डर सता रहा है इसलिए मनगढंत कहानी बना रही है दूसरी और कांग्रेस भी आरोपों की झड़ियां भाजपा के ऊपर लगाए हुए हैं और उसका मानना है कि भाजपा सरकार के दम पर आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है जिसकी शिकायत लगातार चुनाव निर्वाचन को विपक्षी दलों द्वारा की गई है
हालांकि नाराजगी तो बनती ही है जो पार्टी के लिए दिन रात मेहनत करेगा और उसका फल भी नहीं मिलेगा तो नाराजगी तो आएगी ही अब सवाल इस बात का है कि इस चुनावी दंगल में राजनीतिक पार्टियों के द्वारा उतारे गए जिताऊ उम्मीदवारों की जीत को लेकर ये अपने ही बागी अंदरूनी बगावत से जीत को हार में न बदल दे साथ ही क्या ये आरोप और प्रत्यारोप ही इन चुनावी दंगल में आम जनता को लुभाने में कामयाब होगा
उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट