रिपोर्ट – विश्व प्रताप सिंह राघव
उत्तर प्रदेश – अलीगढ़ की सोशल वर्कर व आर्टिस्ट टीम बी रावत टीम ने आज उपयोग होने के बाद डस्टबिन में फेंके जाने वाली पॉलिथीन से भारत माता की एक आकृति बनाई है। इस आकृति को बनाने में आठ लोगों की एक टीम शामिल रही और करीब 1000 वर्ग गज में इस आकृति को बनाया गया है। आकृति को बनाने वाली टीम के सभी सदस्य विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं हैं और कला में रुचि रखते हैं। इस आकृति को जिसने भी आज देखा वह इस आकृति को देखकर दंग रह गया।
प्रतिबंधित होने के बाद भी प्लास्टिक पॉलिथीन का हो रहा प्रयोग
जानकारी देते हुए बता दें कि आकृति बनाने वाली टीम की सदस्य बरखा रावत ने बताया कि हम आठ लोगों की टीम है और हम लोगों को कला में बहुत रूचि है। उन्होंने बताया कि इस आर्ट को बनाने का मकसद सिर्फ इतना है कि आज के दौर में प्लास्टिक पॉलिथीन को सरकार ने प्रतिबंधित कर रखा है लेकिन उसके बावजूद लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि जो वस्तु उपयोग में नहीं आती उन चीजों को हम इस्तेमाल में लेते हैं और समाज को यह दिखाना चाहते हैं कि उपयोग न होने वाली चीजों को भी हम इस्तेमाल में ले सकते हैं और इसका अच्छे से उपयोग किया जा सकता है।
वेस्ट होने वाली चीजों से बेहतर वस्तु तैयार की जा सकती है
उन्होंने बताया कि इन पॉलिथीन को हम बाजार से डस्टबिन और कूड़े के ढेर से लेकर आते हैं और फिर इनको साफ करने के बाद इनसे तरह-तरह की वस्तु तैयार करते हैं। आज हमारे द्वारा इस आकृति को बनाकर यह दर्शाया गया है कि वेस्ट होने वाली पॉलिथीन को भी उपयोग में लेना चाहिए और कहीं ना कहीं वेस्ट होने वाली चीजों से बेहतर वस्तु तैयार की जा सकती है।
सूखे पत्तों से बनाई थी PM मोदी की तस्वीर
आपको बता दें कि भारत माता की आकृति बनाने वाली बी रावत टीम के द्वारा पूर्व में पेड़ के टूटे और सूखे पत्तों से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बड़ी आकृति तैयार की गई थी जिसकी लंबाई चौड़ाई करीब 3300 वर्ग गज में थी। बी रावत टीम का कहना है कि हम आमजन को जागरूक करना चाहते हैं कि जो आप लोगों की नजर में वेस्ट और कूड़ा होता है उससे भी कुछ बेहतर तैयार कर किया जा सकता है।
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