KNEWS DESK, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे, जहां उन्होंने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। अखिलेश यादव विपक्ष के पहले बड़े नेता हैं, जिन्होंने महाकुंभ में पहुंचकर स्नान किया। सपा अध्यक्ष ने संगम स्नान के जरिए न केवल भारतीय जनता पार्टी के आरोपों का जवाब दिया, बल्कि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को भी एक सशक्त संदेश देने का प्रयास किया।
सॉफ्ट हिंदुत्व और बहुसंख्यक भावनाओं पर ध्यान
अखिलेश यादव के महाकुंभ पहुंचने को बीजेपी और विपक्षी दलों के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व और बहुसंख्यक भावनाओं का सम्मान करने का संदेश माना जा रहा है। उनके कद का अब तक कोई अन्य विपक्षी नेता महाकुंभ में नहीं पहुंचा है। इससे यह भी साफ होता है कि सपा प्रमुख बहुसंख्यक समुदाय को साधने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
क्या विपक्षी दलों के नेता भी आएंगे महाकुंभ?
सपा अध्यक्ष के बाद अब सभी की नजरें अन्य विपक्षी नेताओं पर हैं। खासतौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के महाकुंभ में शामिल होने को लेकर चर्चा जोरों पर है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि फरवरी के पहले सप्ताह में राहुल और प्रियंका गांधी प्रयागराज आ सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
राम मंदिर कार्यक्रम से बनाई दूरी
गौरतलब है कि इससे पहले अखिलेश यादव को अयोध्या में भव्य राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने का न्योता दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसमें हिस्सा नहीं लिया। यहां तक कि जब यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को राम मंदिर दर्शन के लिए आमंत्रित किया, तो सपा विधायकों ने भी इससे दूरी बनाई। इस पर बीजेपी ने सपा और अखिलेश यादव पर निशाना साधा था। साथ ही, सपा के बागी विधायकों ने भी इस फैसले पर नाराजगी जताई थी।
अखिलेश यादव के महाकुंभ पहुंचने से बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच सियासी समीकरणों पर नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य विपक्षी नेता भी इस परंपरा को निभाने के लिए आगे आएंगे।
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