KNEWS DESK – समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सपा डेलिगेशन को संभल नहीं जाने देना भाजपा सरकार के शासन और प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है। उनका कहना था कि यदि सरकार ने पहले ही उन लोगों पर प्रतिबंध लगाया होता जिन्होंने सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश की थी, तो संभल में सौहार्द और शांति का माहौल बिगड़ने से बच सकता था।
सपा डेलिगेशन को संभल जाने से रोका
बता दें कि माता प्रसाद की अगुवाई में सपा का प्रतिनिधिमंडल आज संभल जाने वाला था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक लिया। जिला प्रशासन ने वहां धारा 163 लागू कर दी थी, और डीएम ने सपा नेताओं को संभल जाने से मना कर दिया। पुलिस ने माता प्रसाद की गाड़ी के आगे-पीछे अपनी गाड़ियां लगा दीं और रास्ता पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया। इसके बावजूद सपा नेता इस निर्णय के खिलाफ अड़े थे।
माता प्रसाद पांडे ने अखिलेश यादव से फोन पर संपर्क किया और कहा कि वह पार्टी दफ्तर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया। माता प्रसाद ने यह सवाल उठाया कि अगर मीडिया संभल जा सकती है तो उन्हें क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना किसी नोटिस के उनके घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी थी।
अखिलेश यादव ने की कड़ी आलोचना
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के लिए यह एक उदाहरण है कि वह किस तरह से प्रशासन और कानून व्यवस्था को संभालने में नाकाम रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ने पहले ही उन तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की होती जिन्होंने हिंसा भड़काने का प्रयास किया, तो संभल में शांति बनी रहती। उन्होंने सपा नेताओं के इस आरोप को भी बल दिया कि संभल में सरकार की लापरवाही की वजह से स्थिति बिगड़ी और लोग मारे गए।
संभल हिंसा का मुद्दा
संभल में 24 नवंबर को हुए हिंसक घटनाक्रम के बाद तनाव बढ़ गया था। जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद यह विवाद उठ खड़ा था। अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को मस्जिद का सर्वे किया गया, जिसमें दावा किया गया कि जिस स्थान पर मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था। 24 नवंबर को मस्जिद के दोबारा सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, और प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 25 अन्य घायल हुए थे।
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर संभल में प्रशासन ने समय रहते उचित कदम उठाए होते, तो यह स्थिति पैदा ही नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को पूरे प्रशासनिक मंडल को निलंबित करना चाहिए और उन पर साजिशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।
निषेधाज्ञा और प्रशासनिक कार्रवाई
संभल में किसी भी बाहरी-एक्टिविस्ट-जनप्रतिनिधि के संभल जाने पर 10 दिसंबर तक रोक लगा दी है। यह कदम जिले में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, हालांकि सपा नेताओं का कहना है कि सरकार ने उनके शांतिपूर्ण दौरे को रोकने के लिए यह कदम उठाया।