उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड की सियासत में इन दिनों सोशल मीडिया से जुड़ा विवाद चर्चाओं में है. भाजपा के AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) जनरेट वीडियो ने राजनीतिक हलकों में घमासान मचा दिया है. इस वीडियो में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है और बैकग्राउंड में ‘मजार शरणम गच्छामि’ संबंधित ऑडियो सुनाई दे रहा है.जिसके बाद हरीश रावत का दूसरा वीडियो भी जारी किया गया है.जिस पर राजनीति बेहद गरमा गई है.भाजपा ने इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण राजनीति का उदाहरण बताया है. जबकि कांग्रेस ने इसे समाज को बांटने की साजिश करार दिया है. भाजपा के कथित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस दूसरे वीडियो में खुद को पाकिस्तानी एजेंट और देश की जासूसी करते हुए दिखाए जाने से क्षुब्ध उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कानूनी लड़ाई का ऐलान कर दिया है। वे 23 दिसंबर को दोपहर 12:45 बजे वे नेहरू कॉलोनी थाने में केस दर्ज करने अपने सभी कांग्रेस नेताओं के साथ पहुंचे। साथ ही साइबर क्राइम थाने में भी शिकायत दर्ज कराई। हरीश रावत ने ऐलान किया है कि वे सात दिनों तक भाजपा कार्यालय के बाहर धरना भी देंगे।हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे अपने वीडियो को तुरंत डिलीट करने की मांग की थी। वीडियो में उनका कथित मुस्लिम प्रेम दिखाया गया था। एआई जनरेटेड वीडियो में हरीश रावत कथित तौर पर उत्तराखंड में मजार-मस्जिद बनाने की बात कर रहे हैं। बैकग्राउंड में मजार, लव जिहाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।ऐसे में चुनाव आने से पहले AI वीडियो का चलन आपने जोरो पर है.और विपक्षी दलों में गुस्सा भी
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ए आई वीडियो ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है. ए आई जनरेटर वीडियो के खिलाफ हरीश रावत लगातार मुखर हैं. और बीजेपी पर जमकर निशाना साध रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को AI वीडियो में पाकिस्तानी जासूस दिखाया गया है. एक के बाद एक आए ए आई जनरेटेड वीडियो से नाराज होकर हरीश रावत आज अपने समर्थकों के साथ नेहरू कॉलोनी थाने पहुंचे और दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर विरोधी पार्टी पर उनकी छवि धूमिल किए जाने का आरोप लगाते हुए थानाध्यक्ष को एक शिकायती पत्र सौंपा है. उन्हें पुलिस की ओर से शिकायती पत्र की रिसीविंग भी प्राप्त हुई है.देर रात तक हरीश रावत जिले के एसएसपी के दफ्तर में भी अपने कार्यकर्ताओ के साथ डेट रहे और इंसाफ की मांग करते दिखाई दिए. हरीश रावत ने भाजपा पर उनकी छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए ऐलान किया कि वह कल भोंपू लेकर भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे और उन पर लगे आरोपों का प्रमाण भाजपा से मांगेंगे इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए जवाब दिया कि वह खुद हरीश रावत के स्वागत के लिए बीजेपी कार्यालय में मौजूद रहेंगे और उनके लिए वह कार्यालय में चाय की व्यवस्था भी रखेंगे और अगर हरीश रावत भाजपा मय होना चाहते हैं तो वह उनका स्वागत भी करेंगे साथी उन्होंने यह भी कहा कि हरीश रावत को भाजपा से प्रमाण लेने की आवश्यकता नहीं है पिछले कई चुनाव में उत्तराखंड की जनता ने उनको प्रमाण दे दिए हैं
कांग्रेस का मानना है, भाजपा देश के कानून को अपने हित में तोड़ मरोड़ कर लाने की राजनीति कर रही है. भाजपा के इसी झूठ और प्रपंच की वजह से उत्तराखंड में कांग्रेस को 2017 में नुकसान उठाना पड़ा. जब इन्होंने शुक्रवार को जुमे की नमाज की छुट्टी का झूठ परोसा. लेकिन भाजपा छुट्टी का कोई गजट नोटिफिकेशन आज तक नहीं दिखा पाई है. साल 2022 में एक बार फिर से भाजपा ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने का झूठ बोला. अब एक बार फिर एआई का सहारा लेकर फिर से उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है.वही भाजपा का मानना है.हरीश रावत का पहले से ही विषय समुदाय के प्रति प्रेम देखने को मिला है. ऐसे में इस तरह के वीडियो से उनको कोई फर्क नहीं पड़ता ऐसे वीडियो पहले भी सोशल मिडिया में हरीश रावत के देखने को मिल चुके है. इसमें हैरानी की कोई बात नहीं।
कुल मिलकर विधानसभा चुनाव में भले ही वक्त हो लेकिन तकनीक न जाने आगामी चुनाव को किस दिशा में ले जाएगी, ऐसा माना जा रहा है। की भाजपा सहित अन्य पार्टियां भी Ai टेक्नोजी का इस्तमाल आगे 2027 के चुनाव में करने जा रही है. ऐसा प्रतीक हो रहा है,जो की सरकार में हुए कामो और जनता की परेशानियों को आम जनता के बीच आसानी से पहुंचने में मददगार साबित हो सकता है.Ai टेक्नोलॉजी के साथ अब राजनीतिक पार्टियों ने इसके लिए अपना सेल भी तैयार कर लिया है,ऐसे में Ai टेक्नोलॉजी से आम जनता को राजनीतिक पार्टियों के काम को दर्शाने और जनता की आवाज को भी सुनने समझने में कितना कामयाब 2027 के चुनाव में होगा ये देखना बाकी है।