KNEWS DESK- बीते शनिवार को श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से देश की पहली अंतरिक्ष आधारित वेधशाला ‘आदित्य-एल-1’ लॉन्च कर दिया गया है| आपको बता दें कि सूर्य मिशन आदित्य L1 के लॉन्चिंग में यूपी के बांदा जिले की रहने वाली ऋचा पाठक ने अहम भूमिका निभाई|
सूर्य मिशन आदित्य L1 की सफलता लॉन्चिंग पर बांदा निवासी वैज्ञानिक ऋचा पाठक का भी योगदान रहा| ऋचा पाठक, सूर्य मिशन आदित्य एल 1 की इंजन डिजाइनिंग करने वाली टीम की प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में मिशन से जुड़ी रहीं| मिशन के बाद उनके घर के बाहर बधाई देनें वाले लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली| परिजनों ने भी एक दुसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां बाटीं|
ऋचा पाठक के पिता ने कहा कि मुझे आज भारतीय होने का गर्व महसूस हो रहा है| बेटी ने देश का मान पूरे विश्व मे बढ़ाया है| ऋचा के पिता वीरेंद्र पाठक मध्य प्रदेश में जल विभाग पर अफसर पद पर कार्यरत थे| उन्होंने बताया कि बेटी ऋचा इन दिनों इसरो में वैज्ञानिक है| ऋचा सूर्य मिशन के कामयाबी के लिए पिछले कई महीनों से मेहनत कर रही थी| वो आदित्य L1 अभियान में इंजन की डिजाइनिंग टीम में डिप्टी डायरेक्टर पद पर तैनात है| ऋचा 2006 से इसरो में वैज्ञानिक-C के रूप में जुड़ी थी| उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर 4 प्रोमोशन भी लिए और आज सूर्य मिशन में बड़ी भूमिका निभाकर कामयाबी हासिल की है|
ऋचा पाठक ने 2006 में इसरो ज्वाइन किया था| आदित्य L1 के इंजन की डिजाइनिंग में ऋचा की अहम भूमिका रही है| ऋचा को 2016 में इसरो का यंग साइंटिस्ट अवार्ड मिल चुका है| यूपी की बेटी 2019 में गुयाना स्पेस सेंटर से लांच किए गए भारतीय उपग्रह जी सेट 31 में डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में शामिल थी|
ऋचा के पिता ने ये भी बताया कि मेरी पोस्टिंग रीवा संभाग में थी, इसलिए बेटी की बचपन और नर्सरी से ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई मध्य प्रदेश के रीवा में हुई है| वह पढ़ने में शुरू से होशियार थी| उसका दिमाग ज्यादा से ज्यादा नई चीजें खोजबीन में रहता था| तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में हमेशा आगे रही| स्कूल कॉलेज में हमेशा सबसे ज्यादा नंबरो से रिजल्ट आता था| ऋचा के पति रामप्रसाद भी इसरो में इंजीनियर हैं|